जयपुर अब राजस्थान की नहीं, प्रदर्शन की राजधानी : पायलट
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने जयपुर के उद्योग मैदान में पिछले कुछ महीनों से चल रहे धरना-प्रदर्शन को जनता के प्रति सरकार की अकर्मण्यता एवं संवेदनहीनता का परिचय बताया है।
एक बयान में पायलट ने कहा कि भाजपा ने चुनावों से पहले 15 लाख युवाओं और बेरोजगारों को रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन सत्ता हासिल करते ही वादा खिलाफी शुरू कर दी है। नतीजतन संविदा पर कार्यरत कम्प्यूटर शिक्षक, विद्यार्थी मित्र, टैट चयनित अभ्यर्थी, नर्सिग अभ्यर्थी, प्रेरक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित राजस्थान रोडवेज के कर्मचारी आए दिन राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
चार माह से जयपुर प्रदेश की राजधानी के बजाय प्रदर्शनों की राजधानी बन गया है। बेरोजगारों और संविदाकर्मियों द्वारा रोजगार देने का वादा याद दिलवाने पर सत्ताधारी पार्टी के इशारे पर प्रशासन दमन का रवैया अपनाता है।
पायलट ने कहा कि रोडवेज के निजीकरण के साथ ही राज्य सरकार पानी और बिजली के निजीकरण का मानस भी बना रही है, जिससे भविष्य में कर्मचारियों और बेरोजगारों के अधिकारों का हनन होगा तथा पीपीपी मोड पर संचालित होने वाली मूलभूत सुविधाओं के कारण जनता का शोषण होने की आशंका बढ़ जाएगी।