रिफाइनरी सौदे की फाइल गायब, वसुंधरा सरकार कराएगी जांच
जयपुर [नरेन्द्र शर्मा]। राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार पिछली अशोक गहलोत सरकार की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार के दौरान बाड़मेर में प्रस्तावित रिफाइनरी सौदों की फाइल गायब होने एवं जयपुर मेट्रो सहित कुछ संस्थाओं को जमीन आवंटित करने के मामलों की जांच कराने की तैयारी कर रही है।
मुख्यमंत्री को इस बारे में पुख्ता जानकारी मिली है कि बाड़मेर में प्रस्तावित 90 लाख टन सालाना क्षमता वाली रिफाइनरी में हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि. को फायदा पहुंचाने के लिए गहलोत सरकार के कार्यकाल में राजस्थान के हितों की अनदेखी की गई। एचपीसीएल को फायदा पहुंचाने के लिए कांग्रेस के केन्द्रीय नेतृत्व का इशारा बताया जा रहा है। दो पूर्व केन्द्रीय मंत्रियों के कहने पर ही सौदा हुआ था, विधानसभा चुनाव से ठीक पूर्व जब इसका विरोध होने लगा तो शासन सचिवालय से फाइल ही गायब हो गई।
मुख्यमंत्री ने गहलोत की सरकार द्वारा एचपीसीएल-राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड को अगले 15 सालों तक हर साल 3,736 करोड़ रु. का सालाना सॉफ्ट लोन देने के लिए तैयार हो जाने पर सवाल उठाए है। सरकार का मानना है कि जमीन, पैसा और तेल भण्डार प्रदेश के होने के बावजूद महज 26 फीसदी की हिस्सेदारी वाली कंपनी को इतना बड़ा लोन राज्य की जनता पर बिना वजह का भार है। इसी मुद्दे को लेकर इस परियोजना को रि-नैगोशिएट किया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक विधानसभा का बजट सत्र समाप्त होने के बाद सरकार इस मामले की जांच कराने की घोषणा कराने की तैयारी कर रही है। इसके साथ ही जयपुर मेट्रो के लिए सामग्री खरीद एवं जयपुर विकास प्राधिकरण और विभिन्न जिलों में विभिन्न संस्थाओं को जमीन आवंटन मामले की भी जांच कराई जाएगी।