वीर अब्दुल हमीद की पत्नी बोलीं- अल्लाह का फजल है, सुहाग देश के काम आया
पति वीर अब्दुल हमीद की पहली बरसी पर 1965 की जंग के शहीदों को समर्पित स्तंभ पर सजदा करने के लिए बीबी रसूलन पहुंची। कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा भारत के साथ गद्दारी की है।
तरनतारन [धर्मवीर सिंह मल्हार]। सफेद रंग की साड़ी पहने बीबी रसूलन को व्हीलचेयर पर बिठाकर भारतीय सेना के जवान जब 1965 की जंग के शहीदों को समर्पित स्तंभ पर लेकर आए तो दोनों हाथ आकाश की ओर उठाकर उन्होंने कहा कि अल्लाह का फजल है कि उसका सुहाग देश के इस कदर लेखे लगा कि बुढ़ापे में भी उनकी शहादत पर गर्व है।
बीबी रसूलन पहली बार अपने पति वीर अब्दुल हमीद की बरसी पर उस स्थान को सजदा करने आई हैं, जहां पर 1965 की जंग के दौरान पैटर्न टैंक को तबाह करके भारतीय फौज को वीर अब्दुल हमीद ने जीत दिलाई थी। इस लड़ाई के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए इस शहीद को परमवीर चक्र से नवाजा गया था। शहीद वीर अब्दुल हमीद की 86 वर्षीय पत्नी बीबी रसूलन अपने पोते जमीर खान सहित सोमवार को तरनतारन के सीमावर्ती गांव आसल उताड़ में पहुंची थी।
गांव निवासी बुजुर्ग सरदूल सिंह ने जब लड़ाई के मौके पर भारतीय फौज की बहादुरी के किस्से बीबी रसूलन को सुनाए तो उनकी आंखें नम हो गईं। पोते जमीर खान ने दादी के आंसू पोछने चाहे तो उसके दोनों हाथ पकड़कर माथे पर लगाकर चूमते हुए रसूलन ने कहा कि ये देखो अपने सुहाग को पहले लड़के और अब पोते के चेहरे से देख लेती हूं।
बीबी रसूलन ने 1965 की जंग में तबाह हुए पाकिस्तान के पैटर्न टैंक को निहारते कहा कि पड़ोसी मुल्क हमेशा भारत के साथ गद्दारी करता आया है। जिस प्रकार वीर अब्दुल हमीद ने 1965 की जंग में पाक को नाकों तले लोहे के चने चबवाए थे, उसी प्रकार अब पाक को कमर तोड़ जवाब देना होगा।
वीर अब्दुल हमीद की दरगाह पर चादर चढ़ाने के साथ 1965 की जंग के शहीदों को समर्पित सात स्तंभों पर सजदा करते बीबी रसूलन ने युवा पीढ़ी को सेना में भर्ती होने लिए आग्रह किया। इस अवसर पर ब्रिगेडियर नरिंदर सिंह, कर्नल अनुभव शर्मा, एसएच सिद्धू, पूर्व मंत्री गुरचेत सिंह भुल्लर ने शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
देखें तस्वीरें: पति को नमन करने मजार पर पहुंची शहीद वीर अब्दुल हमीद की पत्नी