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बिजनेस के लिए नकदी निकालने की सीमा खत्म हो : कांसल

संवाद सहयोगी, सुनाम (संगरूर) 500 व 1000 के नोट बंद करने के फैसले से उद्योगपतियों को भारी

By Edited By: Published: Thu, 17 Nov 2016 04:44 PM (IST)Updated: Thu, 17 Nov 2016 04:44 PM (IST)
बिजनेस के लिए नकदी निकालने की सीमा खत्म हो : कांसल

संवाद सहयोगी, सुनाम (संगरूर)

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500 व 1000 के नोट बंद करने के फैसले से उद्योगपतियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बैंकों में लगी लंबी लाइनें व कैश की किल्लत से उद्योगपति इस कदर परेशान हैं कि उनके उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। इस संबंधी वीरवार को जिला अध्यक्ष घनश्याम कांसल की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान जिलेभर से आए उद्योगपतियों ने अपनी दिक्कतें रखीं।

मुख्य सरपरस्त डॉ. एआर शर्मा व जिलाध्यक्ष कांसल ने कहा कि केंद्र सरकार का फैसला तो ठीक है, लेकिन बगैर पुख्ता प्रबंध किए ही इसे लागू कर दिया है। काला धन व आतंक पर लगाम कसने के लिए कदम ठीक है। कैश की किल्लत के कारण पूरा कारोबार चौपट हो गया है। लोगों के पास जरूरी सामान की खरीदारी के लिए पैसे नहीं हैं। बाजार बेहद ठंडे पडे हैं और उद्योग जगत भी प्रभावित हो रहे हैं। इंडस्ट्री में रोजाना माल का आना व जाना लगा रहता है। ट्रांसपोर्ट को तुरंत ही नकद अदायगी करनी होती है। घरेलू जरूरतों के लिए खाते से 24 हजार देना तो ठीक है, लेकिन उद्योगपतियों व कारोबारियों के लिए यह सीमा खत्म की जाए। भवानीगढ़ के उद्योगपति व चैंबर के सरपरस्त वीपी ¨सह ने कहा कि सरकारी बैंकों के मुकाबले निजी बैंकों में कैश बेहद कम आ रहा है। बैंकों में लोगों की भीड के कारण उद्योगपतियों को आरटीजीएस (इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शन) करवाने में भारी दिक्कतें आ रही हैं। भीड़ के कारण बैंकों के मुख्य गेट ही बंद रहते हैं और ऐसे में उद्योगपति बैंकों के अंदर दाखिल ही नहीं हो पा रहे हैं।

उद्योगपतियों के लिए अलग काउंटर की मांग

बैठक में सरकार से मांग की गई कि उद्योगपतियों के बैंकों में अलग से काउंटर लगाए जाएं। सरकार, लोगों तक कैश ज्यादा से ज्यादा पहुंचाने का प्रबंध करें। लोगों की जरूरतों की पूर्ति सरकार की जिम्मेदारी है। इस मौके पर जिला सचिव अमित ¨जदल, एमपी ¨सह, विजय गुप्ता, स्वर्णजीत ¨सह, दीपक मित्तल, विनोद गुप्ता, विशाल अग्रवाल, भारत भूषण आदि उपस्थित थे।


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