शहीद परिवार का आरोप, पूरे सम्मान से नहीं हुआ अंतिम संस्कार
सुशील कांसल, सुनाम (संगरूर) : जम्मू कश्मीर के पूंछ में एलओसी पर ड्यूटी के दौरान शहीद
सुशील कांसल, सुनाम (संगरूर) :
जम्मू कश्मीर के पूंछ में एलओसी पर ड्यूटी के दौरान शहीद हुए 21 पंजाब रेजीमेंट के सिपाही र¨वदर ¨सह का उसके पैतृक गांव कनकवाल भंगुआं में वीरवार की सुबह अंतिम संस्कार कर दिया गया। सुनाम इलाके के सैकडों लोगों ने संस्कार में शामिल होकर शहीद को श्रद्धांजलि दी। प्रशासन की ओर से एसडीएम राजदीप ¨सह बराड, डीएसपी व¨रदर बैहणीवाल समेत अन्य अधिकारी शामिल हुए। हालांकि सियासी मंच से सैनिकों का मनोबल बढ़ाने वाले किसी राजनेता ने शहीद को श्रद्धाजंलि देने की जहमत नहीं उठाई। र¨वदर के दादा व पिता भी फौजी थे।
वीरवार को जैसे ही गांव में शहीद र¨वदर ¨सह का पार्थिव शरीर लाया गया तो पूरा गांव चीख उठा। र¨वदर की माता मनजीत कौर, पिता बलकार ¨सह और बहन बलजीत कौर, खुद को संभाल नहीं पा रहे थे। बक्से में रखे र¨वदर ¨सह के मृत शरीर से लिपट कर माता मनजीत कौर कुछ देर के लिए रोती रहीं। बहन के विलाप में सभी को भावुक कर दिया। बड़ी मुश्किल से लोगों ने उन्हें धैर्य बंधाया और अंतिम संस्कार की रस्में निभाई गईं।
सैन्य सम्मान से नहीं किया संस्कार, लोगों में रोष
शहीद सिपाही के पिता व रिटायर्ड फौजी बलकार ¨सह समेत पूरे गांव में इस बात को लेकर रोष है कि शहीद र¨वदर ¨सह का संस्कार पूरे सैन्य सम्मान से नहीं किया गया। शहीद के पिता बलकार ¨सह ने कहा कि संस्कार के मौके पर फायर कर सलामी नहीं दी गई व गार्ड की पूरी टुकडी भी नहीं पहुंची। इससे उनके मन को भारी आघात पहुंचा है। यह तो सैनिकों का अपमान है। गांव के निवासी सुखपाल ¨सह, न¨रदर ¨सह आदि ने भी सेना के रवैये पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि ऐसा व्यवहार तो बहादुर सैनिकों का मनोबल तोड़ सकता है। इस मौके पर कमांडर राजवंत ¨सह, कैप्टन शाम ¨सह आदि हाजिर थे।