मेरा बेटा नहीं कर सकता आत्महत्या.. होशियार ¨सह
जागरण संवाददाता, संगरूर : लहरागागा के गांव कालबंजारा में भारतीय फौज के जवान रोशन ¨सह
जागरण संवाददाता, संगरूर :
लहरागागा के गांव कालबंजारा में भारतीय फौज के जवान रोशन ¨सह के घर पर पांच मार्च की सुबह अचानक किसी ने दस्तक दी, जवान के पिता ने जाकर घर का दरवाजा खोला तो दरवाजे पर सेना के कुछ जवानों को खड़ा देखा। दीवाली की छुट्टियां घर पर काटकर वापस जम्मू-कश्मीर के पुंछ इलाके में ड्यूटी पर गए अपने घर के चिराग का सारा परिवार वापस छुट्टी आने का इंतजार कर रहा था, लेकिन दरवाजे पर खडे जवानों ने परिवार को घर के चिराग के बूझ जाने की खबर सुनाई। सेना के जवानों की बात सुनकर पूरे परिवार के पैरों चले से जमीन खिसक गई। कुछ ऐसा ही माहौल था जवान रोशन ¨सह के घर का। रोशन ¨सह की मौत भी रहस्य बनती जा रही है। जवान जहां रोशन ¨सह की मौत का कारण आत्महत्या बता रहे हैं, वहीं परिवार इसे मानने को तैयार नहीं है व इसकी जांच की मांग की है। फिलहाल सेना इसकी जांच कर रही है।
मृतक फौजी जवान रोशन ¨सह के भाई बुधराम ने बताया कि रोशन ¨सह वर्ष 2003 में सेना में भर्ती हुआ था। इस समय वह जम्मू-कश्मीर के पुंछ इलाके में तैनात था। रविवार सुबह को नायब सूबेदार निर्मल ¨सह ने सूचना दी कि रोशन ¨सह की मौत हो गई है। रोशन ¨सह ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। बुध राम कहना है कि उसका भाई किसी भी हालत में आत्महत्या नहीं कर सकता। वह बहुत ही मजबूत हौंसले वाला व्यक्ति था, जिसने कभी अपना हौसला नहीं छोड़ा। इसलिए आत्महत्या करने की कोई वजह नहीं है। भले ही रोशन ¨सह के साथी फौजी ऐसा कह रहे हैं, लेकिन परिवार को उनकी बात से संतुष्टि नहीं है। सेना को इसकी जांच करनी चाहिए व मामला साफ होना चाहिए।
दो बेटे, एक बेटी व पत्नी सहित पूरा परिवार को था इंतजार
रोशन ¨सह दीवाली पर छुट्टी लेकर घर आया था। रोशन ¨सह अपने पीछे सात वर्षीय गगनदीप ¨सह, चार वर्षीय पुत्री नवप्रीत कौर व एक दो वर्षीय बेटे को छोड़ गया है। दीवाली के बाद से पूरा परिवार रोशन ¨सह के छुट्टी पर घर वापस आने का इंतजार कर रहा था। 65 वर्षीय पिता होशियार ¨सह ने कहा कि उसका बेटा कुछ समय बाद ही सेवामुक्त होकर घर वापस आने वाला था, जो उसके बुढ़ापे की लाठी बन सकता था। लेकिन न जाने किसने उससे उसके बुढ़ापे का सहारा छीन लिया। उसका बेटा खुद को गोली मार नहीं सकता।
सोमवार को हु्आ अंतिम संस्कार
गांव कालबंजारा में भारतीय फौज के जवान रोशन ¨सह को परिवार, गांव वासियों व फौज के जवानों ने अंतिम विदाई दी। मृतक फौजी रोशन ¨सह का शव जम्मू कश्मीर से लेकर आए नायब सूबेदार निर्मल ¨सह ने बताया कि रोशन की मौत कारण जानने के लिए फौजी अधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं। इसकी रिपोर्ट उपरांत ही असलियत सामने आएगी। नायब सूबेदार निर्मल ¨सह ने बताया कि उन्होंने मृतक के परिवार को फौज की एजीआइ की तरफ से 15 हजार रुपये संस्कार का खर्चा दिया है। संस्कार दौरान नायब सूबेदार निर्मल ¨सह की अगुआई में चार जवानों ने लहरागागा पुलिस के सहायक थानेदार पुरुषोत्तम शर्मा व हरबंस ¨सह की हाजरी में श्रद्धांजलि भेंट की गई। उन्होंने परिवार को विश्वास दिलाया कि उन्हें फौज की तरफ से हर प्रकार का सहयोग दिया जाएगा।
परिवार ने लगाया सेना जवानों पर मजबूर करने का आरोप
मृतक की पत्नी सरोज रानी ने तीन फौजी जवानों पर उसके पति को खुदकुशी करने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाते इंसाफ की मांग की। सरोज ने कहा कि उसके पति ने खुद आत्महत्या नही की है, बल्कि किसी ने उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर किया है। इसकी जांच की जानी चाहिए, ताकि उनके परिवार को इंसाफ व उसके पति की आत्मा को शांति मिल सके।