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फीस बढ़ोतरी के खिलाफ नोबल पहुंची आप सांसद मान के घर के बाहर, शिक्षामंत्री ने घर बुला लिया ज्ञापन

प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ोतरी के खिलाफ धरना देने के लिए जालंधर निवासी 12वीं की छात्रा नोबल संगरूर पहुंची। उसने मान के घर के बाहर धरना दिया तो शिक्षा मंत्री ने बुला दिया।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 31 May 2020 10:51 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 11:17 AM (IST)
फीस बढ़ोतरी के खिलाफ नोबल पहुंची आप सांसद मान के घर के बाहर, शिक्षामंत्री ने घर बुला लिया ज्ञापन
फीस बढ़ोतरी के खिलाफ नोबल पहुंची आप सांसद मान के घर के बाहर, शिक्षामंत्री ने घर बुला लिया ज्ञापन

जेेेेेएनएन, संगरूर। प्राइवेट स्कूल हर साल फीसों में बढ़ोतरी कर देते हैं। शिक्षा गरीब व मध्यवर्गीय परिवारों से दूर होती जा रही है। इसी के विरोध में पिछले चार वर्ष से संघर्ष करती आ रही जालंधर निवासी 12वीं कक्षा की छात्रा नोबल ने रविवार को लोकसभा हलका संगरूर के सांसद व आम आदमी पार्टी के प्रधान भगवंत मान की रिहायश के समक्ष एक घंटा धरना दिया। इसके बाद वह शिक्षामंत्री विजयइंद्र सिंगला के निवास के समक्ष भी धरना देने पहुंची। शिक्षामंत्री घर पर ही थे। उन्होंने धरने से पहले ही नोबल को मिलने के लिए बुलवा लिया और ज्ञापन लिया।

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छात्रा से बातचीत में शिक्षामंत्री विजयइंद्र सिंगला ने कहा कि फीसों के मुद्दे पर हाईकोर्ट में कुछ समय बाद अगली पेशी है, उसके बाद स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। सरकार जल्द ही सुप्रीमकोर्ट में जा सकती है। नोबल ने बताया कि प्राइवेट स्कूल-कॉलेजों के माध्यम से शिक्षा माफिया तेजी से फैल रहा है। शिक्षा लगातार महंगी होती जा रही है, जिस कारण आम परिवार बच्चों को अब उच्च शिक्षा दिलवाने में असमर्थ हैं।

सांसद भगवंत मान को भी मांग पत्र के जरिए शिक्षा माफिया पर नकेल कसने की मांग कर चुकी हैं, लेकिन उन्होंने कोई रूचि नहीं दिखाई। इसी विरोध में सांसद भगवंत मान की बंद पड़ी कोठी के समक्ष धरना लगाया। उनसे संपर्क करने की पिछले चार दिन से कोशिश की गई लेकिन बात नहीं हो पाई।

नौंवी कक्षा से ही संघर्ष कर रही नोबल

नोबल के पिता राजू सोनी ने बताया कि नोबल नौंवी कक्षा के समय से ही शिक्षा माफिया के खिलाफ संघर्ष कर रही है। उनकी दो बेटियां हैं। नोबल बड़ी बेटी है व छोटी बेटी प्राइमरी शिक्षा प्राप्त कर रही है। स्कूल में पढ़ते समय जब नोबल को अधिक कीमत पर स्कूल ने किताबें दी, तो नोबल ने इसका विरोध किया। साथ ही 80 दिन तक लगातार स्कूल के खिलाफ संघर्ष किया। उसी दिन के बाद से ही वह इस बारे में लगातार संघर्ष कर रही है। 


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