'बंद से सताती है रोटी की चिंता'
चेतन शर्मा, बरनाला
'भले ही गौ हत्या सबसे बड़ा पाप है। मगर मेरे जैसे गरीब लोगों का रोजगार बंद करवाकर छोटे-छोटे बच्चों का संताप लेना भी उचित नही।' यह शब्द बस स्टैंड बरनाला में मोची का कार्य कर रहे ओम प्रकाश की मजबूरी से निकले हैं। उन्होंने कहा कि उनके जैसे कितने लोग सुबह कमाते हैं और शाम को बच्चों व परिवार को खिलाने का जुगाड़ कर लेते है। जब बंद होता है, तो फूटी कौड़ी भी जेब में नहीं पड़ती। ऐसे में शाम को परिवार की रोटी की फिक्र सुबह से ही सताने लग जाती है। उन्होंने कहा कि बस स्टैंड में बैठकर प्रतिदिन वह करीब सौ रुपए कमा लेता है। मगर बंद के कारण आज तो कुछ भी नहीं कमाया। उन्होंने गौ हत्या को घोर पाप की संज्ञा देते हुए कहा कि हम तो भूखे रह लेंगे, मगर गौ हत्या जैसा पाप कभी बर्दाश्त नहीं कर सकते।
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