हर समय सताती है मौत की आहट
विनोद कुमार/प्रवेश कुमार, धूरी (संगरूर) : शाम ढलते ही इस कड़ाके की ठंड में जहां लोग अपने घरों में रज
विनोद कुमार/प्रवेश कुमार, धूरी (संगरूर) : शाम ढलते ही इस कड़ाके की ठंड में जहां लोग अपने घरों में रजाइयों के नीचे चले जाते हैं, वहीं अपनी मांगों को लेकर 11 दिन से पानी टंकी पर चढ़े ईटीटी (टेट पास) बेरोजगार अध्यापक सर्द हवाओं के बीच जागने को मजबूर हैं। करीब 60 फुट ऊंची टंकी पर उन्हें हर समय मौत दस्तक देती प्रतीत होती है। वह इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि अगर आंख लग गई तो अनहोनी हो सकती है। लेकिन उनके संघर्ष से बेपरवाह शासन-प्रशासन की कुंभकर्णी निद्रा नहीं टूट रही है।
दैनिक जागरण टीम शुक्रवार को मौके पर पहुंची। टंकी पर चढ़े चारों प्रदर्शनकारियों की हालत दयनीय बनी हुई है, लेकिन उनके हौंसले बुलंद हैं। सरकार की बेरुखी से बेपरवाह प्रदर्शनकारी अपने संघर्ष को अंतिम रूप देने की तैयारी में जुटे थे और साथियों के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार दिखे।
टंकी पर चढ़े मानसा निवासी जगदेव ¨सह, बुढलाडा निवासी अवतार ¨सह, सतौज निवासी जसबीर ¨सह और झाड़ों निवासी रा¨जदर ¨सह एक-एक कर नहाने के लिए नीचे आ रहे थे। जब एक प्रदर्शनकारी नहाकर ऊपर चला जाता, तो दूसरा नीचे आता। सभी ऊपर मिलकर खाना खाते हैं।
मौके पर मौजूद यूनियन के सदस्य जो¨गदर ¨सह ने कहा कि नेता व अधिकारी बंद कमरों में हीटर के सामने बैठे रहते हैं, लेकिन हमारे प्रदर्शनकारी 24 घंटे सर्द हवाओं में अपनी मांगों को लेकर सरकार की नींद खोलने में जुटे हैं। रात को पारा 12 डिग्री पहुंचने पर भी प्रदर्शनकारियों के हौंसला नहीं डिगता। सिर्फ एक तिरपाल के सहारे 11 दिन से संघर्ष कर रहे प्रदर्शनकारियों का संज्ञान न तो नेता ले रहे हैं औन ही अधिकारी।
- किसी भी कीमत पर नहीं उतरेंगे
प्रदर्शनकारी जगदेव, जसबीर, रा¨जदर व अवतार ने एक स्वर में कहा कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक वे टंकी से नीचे नहीं उतरेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मांगों को अनदेखा कर अपना नकारात्मक रवैया दिखा रही है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वह मांगें पूरी होने तक टंकी पर ही रहेंगे, जबकि उनकी अन्य टीम गांव-गांव जाकर जनता से समर्थन हासिल कर सरकार की जड़ हिलाएगी।