जप-तप करके मनाया संवत्सरी महापर्व
जागरण संवाददाता, संगरूर
जैन धर्म का महापर्व संवत्सरी महासाध्वी श्रेष्ठा महाराज व साध्वी चंदना महाराज के सान्निध्य में जैन स्थानक के प्रवचन हॉल में 50 दिन संपन्न होने की खुशी में श्रद्धा व हर्षोल्लास से जप-तप करके मनाया गया। जैन इतिहास में यह दिन अहिंसा दिवस सहित क्षमा याचना के रूप में भी मनाया जाता है। इस दौरान समाज के सभी सदस्यों ने एक-दूसरे से क्षमा याचना की। धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से भगवान महावीर स्वामी का संदेश जियो और जीने दो, भ्रूणहत्या करना, कन्याओं को मां की कोख में ही मार देना जैसे अपराध न करने की प्रेरणा दी गई।
प्रेम सभा नेशनल हाई स्कूल के छात्रों व अन्य नन्हे-मुन्ने बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम में जप-तप करने से होने वाले लाभ के बारे में बताया गया। उन्होंने नशा न करने की प्रेरणा दी, जिससे इस देश की युवा पीढ़ी की जिंदगी को बचाया जा सके।
साध्वी श्रेष्ठा ने सभी तपस्या करने वालों को आशीर्वाद दिया। साध्वी जी की कृपा से यहां व्रतों की तीन अठाईया, अपिमलों का एक मास खमन और 12 अठाईया, इकाश्नों के तीन मास खमन अभी चल रहे हैं। नवकार महामंत्र के प्रयुषण प्रारंभ से चल रहे दो अखंड जाप के भोग डाले गए। महाराज की प्रेरणा से लगभग 35 पौशध व्रत भी किए गए। सभी तपस्या करने वालों का सम्मान सभा के कोषाध्यक्ष अशोक जैन व गोपी राम परिवार की ओर से किया गया।
सभा के अध्यक्ष विजय जैन, महामंत्री सुनील जैन, कोषाध्यक्ष अशोक जैन, सहमंत्री सतभूषण जैन, महिला मंडल की अध्यक्ष प्रोमिला जैन, महामंत्री शशी जैन, कोषाध्यक्ष सुषमा जैन व समस्त समाज द्वारा डिप्टी कमिश्नर का धन्यवाद किया गया। इस मौके पर अन्य शहरों से भी धर्म प्रेमी बंधु पहुंचे। साध्वी कर्णिका व साध्वी प्रियांशी द्वारा इकाश्नों की अठाई की गई।