वित्त मंत्री जी सुनिए कालम के लिए प्रस्तावित
जागरण संवाददाता, रूपनगर: केंद्रीय आम बजट कैसा होना चाहिए। इस संबंध में लोगों ने अपने कई अह
जागरण संवाददाता, रूपनगर:
केंद्रीय आम बजट कैसा होना चाहिए। इस संबंध में लोगों ने अपने कई अहम सुझाव दिए हैं। बजट से उन्हें उम्मीदें भी हैं। लोगों की उम्मीदों तथा सुझावों पर आधारित बातचीत।
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परचून सामान पर कम हो टैक्स
टैक्स के बोझ तले परचून सामान आदि के दाम इस कद्र बढ़ चुके हैं कि निर्यात करने के बाद उनसे तैयार सामग्री महंगी हो जाती है। यही महंगाई गरीब व मध्यम वर्ग की जेब पर भारी पड़ने लगती है। वित्त मंत्री को बजट में ऐसी चीजों पर लगने वाले टैक्स को कम करना चाहिए।
दुश्यंत कपिला
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निर्यात वस्तुओं पर एक बार ही लागू हो टैक्स व्यवस्था
निर्यात की जाने वाली हर चीज पर एक बार ही टैक्स की व्यवस्था लागू होनी चाहिए। ताकि लोगों पर अतिरिक्त टैक्स की मार न पड़े। इससे महंगाई में कमी आएगी तथा बाजार में व्यापारी को भी राहत मिलेगी।
आशीष जैन
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जमाखोरों के खिलाफ हो एक्शन
सभी राज्यों में इंस्पेक्टरी राज पूरी तरह से समाप्त करना चाहिए। विभिन्न बैरियरों पर लगने वाले एंट्री टैक्स को भी समाप्त किया जाना चाहिए। घरेलू सामान जो दिनचर्या में इस्तेमाल होता है, उसे टैक्स मुक्त किया जाना चाहिए। जमाखोर व्यापारियों की पहचान कर उनके खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए।
प्रदीप तलवाड़
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छोटे दुकानदारों को टैक्स की मार से बचाया जाए
बजट में छोटे दुकानदारों के लिए ऐसी पालिसी होनी चाहिए जिससे वे अपने व्यापार को बढ़ा सकें। बल्कि ऐसी नीति न लाई जाएं जो छोटे दुकानदारों को उजाड़कर रख दे। छोटे दुकानदारों को सस्ती बिजली और टैक्स में छूट मिलनी चाहिए। ताकि दुकानदार टैक्स की मार तले आर्थिक संकटों के कारण अपने व्यापार को बंद करने के लिए मजबूर न हो।
रजनीश कुमार
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बजट में टैक्स की दर हो कम
दुकानदार या व्यापारी जो भी हो पर वो चोर नहीं है बल्कि सरकार को टैक्स जमा करके आमदनी देता है। जिससे सरकार व्यवस्था को चलाती है। अगर सरकार विभिन्न टैक्स की दर को कम करेंगी तो लोग ज्यादा से ज्यादा टैक्स जमा करवाने में उत्सुकता दिखाएंगे। चोरी करने का सवाल ही नहीं है। टैक्सों की दरें कम होनी चाहिए।
राकेश कुमार
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जरूरतमंद चीजें आम आदमी की पहुंच से दूर
आज का सबसे बड़ा मुद्दा महंगाई है। जरूरतमंद चीज इतनी महंगी हो जाती है कि आम व्यक्ति की पहुंच से दूर हो जाती है। या फिर बाजार में मिलती ही नहीं। लोग ब्लैक में खरीदने के लिए ज्यादा पैसे देने तक को तैयार हो जाते हैं। बड़े स्तर पर माल को गोदामों में जानबूझकर स्टोर करने वालों पर सख्त से सख्त एक्शन होना चाहिए। ताकि आम व्यक्ति को आसानी से और सस्ता सामान उपलब्ध हो सके।
सुख¨वदर ¨सह