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सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं, दान से बड़ा कोई कर्म नहीं-बाबा प्यारा ¨सह

संवाद सहयोगी, रूपनगर: रूपनगर के सर्व धर्म सत्कार तीर्थ धमाना कलां में मकर सक्रांति को लेकर ज

By Edited By: Published: Sat, 21 Jan 2017 02:59 AM (IST)Updated: Sat, 21 Jan 2017 02:59 AM (IST)
सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं, दान से बड़ा कोई कर्म नहीं-बाबा प्यारा ¨सह
सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं, दान से बड़ा कोई कर्म नहीं-बाबा प्यारा ¨सह

संवाद सहयोगी, रूपनगर:

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रूपनगर के सर्व धर्म सत्कार तीर्थ धमाना कलां में मकर सक्रांति को लेकर जारी आठ दिवसीय सत्संग समागम वीरवार शाम सिरोपा वितरण समारोह के उपरांत समाप्त हो गया। सत्संग में बड़ी संख्या में पहुंची संगतों ने बाबा प्यारा सिह जी के द्वारा बनवाए गए श्री दुर्गा मंदिर सहित श्री शनिदेव , श्री वरूणदेव, श्री मस्त बाबा तथा इतिहासगढ़ साहिब के दर्शन किए।

विशाल सत्संग में बाबा प्यारा ¨सह जी ने कहा कि इस धरा पर दान से बड़ा कोई कर्म नहीं है और सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है। उन्होंने कहा कि गाय, गरीब, पशु और पक्षियों की सेवा करनी चाहिए। मनुष्य जन्म की महत्ता को बताते हुए कहा कि इस जन्म के लिए तो देवी देवता भी तरस जाते हैं जबकि परम पिता परमात्मा ने हम सभी पर कृपा कर हमें मनुष्य रूप में जन्म दिया है। इसलिए इस जन्म को सार्थक बनाने के लिए दान व सेवा करना चाहिए। सत्संग के उपरांत संगतों ने बाबा जी के साथ जंगली क्षेत्र में जाकर पशु व पक्षियों को चारा व जंगल में बनवाए गए तालाबों में पशु पक्षियों के लिए पानी भरवाया। हर वर्ग को एक बराबर का पाठ सिखाते हुए बाबा जी ने छोटे-बड़े को एक जैसे सिरोपे भेंट करते हुए विदा किया। इस मौके पर सरवण फर्जी एंड पार्टी के द्वारा बाबा जी द्वारा रचित भजनों का गायन भी किया गया।

अरूण कुमार पुरी ---------


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