महासमर-2017
फोटो 24 आरपीआर 38 से 43 तक संवाद सहयोगी, रूपनगर ईमानदार छवि वालों के पक्ष में होना च
फोटो 24 आरपीआर 38 से 43 तक
संवाद सहयोगी, रूपनगर
ईमानदार छवि वालों के पक्ष में होना चाहिए जनादेश
विधानसभा चुनाव दौरान जीत हासिल करने के लिए हर प्रत्याशी जोड़-तोड़ में लगा हुआ है ताकि वोटर उसके पक्ष का सही मानते हुए उसके पक्ष में मतदान कर सकें। लेकिन लोगों की सोच को जानने के लिए दैनिक जागरण के द्वारा शुरू किए गए विशेष अभियान के तहत जब क्षेत्र के विभिन्न वर्ग के वोटरों से संपर्क साधा गया तो लगभग हर किसी का यही कहना था इस बार इमानदार छवि वालों के पक्ष में जनादेश होना चाहिए।
(वोटर बोले)
स्वार्थी लोगों का अखाड़ा बनकर रह गई है राजनीति
राजनीति स्वार्थी लोगों का अखाड़ा बनकर रह गई है तथा जो लोग स्वार्थ की सोच लेकर चुनाव लड़ते हैं वो किसी भी प्रकार से इमानदान नहीं हो सकते हैं। क्योंकि ऐसे नेता पैसा फेंक चुनाव लड़ते हैं जो बाद में किसी का भला नहीं कर सकते हैं। लोगों को चाहिए कि निस्वार्थ भावना रखने वाले को वोट दें।
(समाज सेवी, गुरप्रीत ¨सह)
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लालच में आकर वोट डालना खुद व देश के साथ धोखा
किसी के प्रभाव तले या लालच में अथवा किसी भय तले वोट डालना खुद के साथ ही नहीं देश के साथ भी धोखा है। क्योंकि लालच की आड़ में दिया गया वोट कभी भले दिनों का सूचक नहीं हो सकता है। मेरी सोच है कि वोट उसे दिया जाना चाहिए जो इमानदारी से समाज सेवा की भावना लेकर चुनाव मैदान में उतरा हो।
(जगजीत ¨सह गिल)
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पैसा लेकर चुनाव लड़ने वाला नहीं हो सकता ईमानदार
सरमायदारों से पैसा लेकर चुनाव लड़ने वाला कभी इमानदार नहीं हो सकता है तथा जो खुद इमानदार नहीं वो किसी के हित बारे सोच ही नहीं सकता है। जो नेता अपनी छवि के आधार को पीछे रख पैसे के आधार पर चुनाव लड़ता है उसे वोट का कोई अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए।
(अवनीश कुमार)
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एकमात्र वोटर के पास है वोट देने का फैसला
वोट किसे देनी है इस बारे फैसला करने का एक मात्र अधिकार वोटर के पास ही है। लेकिन जो वोटर किसी अन्य के पीछे लगते हुए अपने मताधिकार का प्रयोग करते हैं उनके कारण ही विजय हासिल करने वाले नेता पूरे समाज की अनदेखी का कारण बनते हैं। आज हर किसी के पास सही नेता के चयन बारे फैसला लेने का मौका है।
(शीतल कपूर)
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बहुत बदल गया चुनाव
अब तो व्यवसाय समझा जाने लगा है चुनाव
कोई वक्त था जब प्रत्याशी व उसके वर्कर ही नहीं बल्कि वोटर भी ईमानदार हुआ करते थे लेकिन आज चुनाव बहुत बदल गया है। आज चुनाव को व्यवसाय समझा जाने लगा है। नेता के साथ जुड़े वर्कर पैसे के लिए काम करते हैं जबकि वोटर भी किसी न किसी लालच के लिए वोट देने लगे हैं। नेताओं, वर्करों व वोटरों की इसी सोच में बदलाव होना बहुत जरूरी है। खुद ईमानदार बनो तभी किसी के ईमानदार होने की उम्मीद हो सकती है।
(बुजुर्ग सुच्चा ¨सह)
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फर्स्ट टाइम वोटर
ईमानदार नेता ही ईमानदारी से ले सकता है सही फैसला
पहली बार मताधिकार का प्रयोग करने के लिए मैं बहुत ज्यादा उत्साहित हूं लेकिन यह फैसला कर पाना मेरे लिए कठिन हो रहा है कि वो कौन ऐसा नेता है जो समाज के लिए ईमानदार सोच रखते हुए चुनाव लड़ रहा है। मेरा विचार है कि एक ईमानदार नेता ही ईमानदारी से समाज की सेवा कर सकता है।
(तमन्ना लांबा)
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