अल्ला हू अल्ला हू. पर नूरां सिस्टर्स ने बटोरी तालियां
जागरण संवाददाता, नंगल : शहर के वरुण देवता मंदिर में जारी भव्य वार्षिक गायन दरबार कार्यक्रम संपन्न गय
जागरण संवाददाता, नंगल : शहर के वरुण देवता मंदिर में जारी भव्य वार्षिक गायन दरबार कार्यक्रम संपन्न गया। हालांकि लोगों को इस बार निराशा का सामना करना पड़ा। यह पहली बार हुआ कि गुणगान करने आई बॉलीवुड सिंगर नूरां सिस्टर्स को देखने के लिए करीब 10 हजार लोग उमड़े। इसके चलते सभी व्यवस्थाएं धरी रह गई। नूरां सिस्टर को सुनने व देखने को बेताब लोगों ने एक जगह पर ही ऐसा जमघट लगाया कि कार्यक्रम 10 बजे शुरू होना था। पर वह करीब 11 बजे शुरू हुआ। काफी देर तक प्रयास के बाद मात्र 3 सूफी कलाम पेश करके फिर कार्यक्रम को रोकना पड़ा। करीब पौने घटे तक ही नूरां सिस्टर्स उमड़े लोगों के बीच अपना प्रोग्राम पेश कर पाईं। निर्धारित समय से करीब एक घटा पहले ही कार्यक्रम बंद करना पड़ा। नूरां की ओर से प्रस्तुत 'अल्ला हू अल्ला हू', 'इश्क अवलड़ा अल्लाह ही अल्लाह' के अलावा 'कृपा करो महाराज' की प्रस्तुति ने खूब तालिया बटोरीं। नूरां सिस्टर्स को सुनने पहुंचे लोग जब मंच के पास ही जमा हो गए तो वहां धक्के पड़ने के बीच उन्होंने कार्यक्रम को पहले ही समाप्त कर दिया। इस वजह से प्रोग्राम सुनने आए संगीत प्रेमियों को काफी निराशा झेलनी पड़ी।
कार्यक्रम में वरुण देव मंदिर कमेटी के अध्यक्ष दिलबाग परमार, पार्षद विक्रांत परमार, बलवीर बिल्लू, जगदीश जग्गी, अनिल राणा, राकेश मेहता, सोम नाथ, हरविंदर सिंह, डा. सोम दत्त शर्मा, राजीव जॉनी, जसवंत सिंह साका के अलावा समाज सेवक सुरेंद्र गुप्ता, प्रदीप शर्मा, इंद्रमोहन कपिला, प्रदीप शर्मा, रमन किट्टू, ललित चौधरी, जितेंद्र सोहल, पूर्व पार्षद सोनिया सैनी, टोनी सहगल, हरभजन सैनी, नरेश कुमार, राज कुमार खन्ना, अनमोल गुलाटी, सुभाष चोपड़ा, नौजवान सेवा समिति राजनगर के योगेश सचदेवा बिक्की, जगजीत सिंह, रविंद्र कुमार, सुरजीत सिंह व इलाका वासी मौजूद थे।
पिछले साल नूरां सिस्टर्स की प्रस्तुति में बारिश ने डाला था खलल
पिछले साल भी जब नूरां सिस्टर्स यहा नंगल के एफएफ ब्लाक में प्रोग्राम देने आई थीं, तब प्रोग्राम करीब डेढ़ घटा देरी से रात सवा एक बजे शुरू हुआ था। उस दिन प्रोग्राम शुरू होने के करीब 25 मिनट बाद ही शुरू हुई जोरदार बारिश के कारण बंद हुए प्रोग्राम ने संगीत प्रेमियों को काफी निराश किया था। इस बार भी नूरां की बुलंद आवाज की प्रस्तुतिया संगीत प्रेमी सुन नहीं पाए, क्योंकि धक्कमपेल व हजारों लोगों का सैलाब इतना च्यादा था जिससे संगीत प्रेमियों का परेशान होना तय था।