लोग बोले, बिल तो दे देंगे पहले पानी साफ और पर्याप्त तो दो
जागरण संवाददाता, रूपनगर रूपनगर शहर में नगर पालिका के बकाया वसूली अभियान की हवा निकलने लगी है। प
जागरण संवाददाता, रूपनगर
रूपनगर शहर में नगर पालिका के बकाया वसूली अभियान की हवा निकलने लगी है। पालिका के कर्मचारियों को कई जगह लोगों के विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है। मंगलवार को मिल मिल नगर में पहुंचे नगर पालिका के कर्मचारियों की एक व्यक्ति के साथ बहस हो गई। बाद में एकत्र हुए मोहल्लावासियों ने कहा कि उन्हें पानी तो पर्याप्त मिल नहीं रहा है। ऊपर से पानी में सीवरेज के पानी की बदबू कई बार शिकायतों के बाद दूर नहीं हो पाई है। वो पालिका को बनते बिल देने को तैयार हैं तथा कई लोग तो समय पर बिल जमा भी करवा रहे हैं। लेकिन जो साल 2009 से बिल की राशि 2014 में लोगों को बढ़ाकर ली गई। वो कहां का इंसाफ है। पालिका के हाउस के प्रस्ताव को भी प्रशासनिक अधिकारियों नहीं माना। सु¨रदर शर्मा, सौरभ जैन, करण कपूर, सोनाली, आशू शर्मा आदि ने बताया कि उनके मोहल्ले में पानी ही नहीं आता। जब आता है तो सीवरेज का पानी उसमे मिलकर आता है। इस दौरान पालिका की कनेक्शन बिल वसूली टीम का एक व्यक्ति के साथ बहस हो गई। व्यक्ति ने कहा कि न तो बिल आया न ही कोई नोटिस दिया गया। अब कनेक्शन कैसे काट सकते हैं। उधर, टीम में शामिल सदस्यों ने कहा कि वो कानूनी तरीके से लोगों को पहले चेतावनी दे रहे हैं तथा उसके बाद भी अगर उपभोक्ता बिल जमा नहीं करवाता तो उसका कनेक्शन काटना उनकीे मजबूरी है। बता दें कि आठ दस पानी के कनेक्शन पालिका की टीमों द्वारा अब तक शहर में काटे गए हैं। इनमें से कई कनेक्शन तो लोगों ने दोबारा जुड़वा भी लिए हैं।
अभियान की धीरे धीरे हवा निकलने लगी
उधर, पालिका के बकाया वसूली अभियान की धीरे धीरे हवा निकलने लगी है। जहां पालिका द्वारा सीवरेज व पानी के बिलों का रोजाना दो से अढ़ाई लाख रुपए एकत्र किया जा रहा है, वहीं प्रापर्टी टैक्स तथा हाउस टैक्स के बकाये देने के लिए लोग गंभीर नहीं है। सरकारी विभाग तो बकाये देने के लिए कोई करवट ही नहीं ले रहे। पंजाब पुलिस ही अगर बकाये दें तो एक बार में 25 लाख रुपए की अदायगी पालिका के खाते में आएगी। आधा दर्जन से ज्यादा विभाग हैं जिनकी तरफ लाखों रुपया प्रापर्टी टैक्स का बकाया है। पालिका ने लोगों से करोड़ों रुपए के बकाये लेने हैं। लेकिन बकाये नाममात्र आ रहे हैं। पालिका ने प्रापर्टी व हाउस टैक्सों के डेढ़ डेढ़ करोड़ तथा सीवरेज व पानी के बिलों के करीब सवा करोड़ रुपए लेने हैं।