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किसानों को बनता मुआवजा न देने पर सरकार का हैड नंबर 2052 अटैच

जागरण संवाददाता, रूपनगर भूमि अधिग्रहण मामले में किसानों को मुआवजा न देने के मामले में रूपनगर कोर्ट

By Edited By: Published: Fri, 22 Jul 2016 08:42 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jul 2016 08:42 PM (IST)
किसानों को बनता मुआवजा न देने पर सरकार का हैड नंबर 2052 अटैच

जागरण संवाददाता, रूपनगर

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भूमि अधिग्रहण मामले में किसानों को मुआवजा न देने के मामले में रूपनगर कोर्ट ने पंजाब सरकार का हैड नंबर-2052 को किसानों की बनती मुआवजा राशि मामले से अटैच करने के आर्डर जारी किए हैं। उल्लेखनीय है कि ये हैड पंजाब सरकार की आमदनी तथा खर्च का प्रमुख हैड है।

जानकारी के मुताबिक वर्ष 1998 में गाव झिजड़ी व ंिमंडवा के करीब सत्तर किसानों की 144 कनाल भूमि राष्ट्रीय मार्ग के साथ पक्की पार्किंग, रिसेप्शन सेंटर, पर्यटकों के लिए चार लाख 50 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से लैंड एक्वाजिशन कलेक्टर कम एसडीएम आनंदपुर साहिब की तरफ से अधिग्रहण की गई थी। मुआवजा राशि कम घोषित होने पर किसानों ने रूपनगर अदालत में मुआवजा बढ़ाने संबंधी अपील दायर की थी। साल 2013 में अदालत ने मुआवजा राशि साढ़े चार लाख रुपए प्रति एकड़ से बढ़ाकर चौदह लाख रुपये कर दी। साल 2016 में हाईकोर्ट ने किसानों की अपील पर मुआवजा राशि प्रति एकड़ 38.72 लाख रुपए कर दी थी। साथ ही तीस फीसद उजाड़ा भत्ता और 15 फीसद ब्याज 1998 से 2016 तक देने का अदा का अदा करने के आदेश जारी किए थे। जब हाईकोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया गया तो किसानों ने दोबारा अदालत का दरवाजा खटखटाया। अदालत ने एलएसी कम एसडीएम आनंदपुर साहिब को इस मामले में सम्मन भेजे लेकिन अदालत में संबंधित अधिकारी या इनका कोई नुमाइंदा पेश नहीं हुआ। जिस पर अदालत ने पंजाब सरकार का हैड 2052 को किसानों के मुआवजा राशि तक अटैच करने के आदेश दिए हैं। अटैचमेंट संबंधी बैल्फ को अपनी रिपोर्ट देने के लिए 28 सितंबर तक का समय दिया है। बता दें कि हैड 2052 में कर्मचारियों के वेतन की राशि शामिल नहीं की जाएगी। इस मामले में किसानों की याचिका सुप्रीमकोर्ट में भी विचाराधीन है।


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