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ट्रक ऑपरेटरों के एकाधिकार से नंगल में यूरिया व्यवसाय प्रभावित : एनएफएल

जागरण संवादाता,नंगल नंगल में ट्रक ऑपरेटर यूनियन बहुत उच्च मार्जिन पर पंजाब के राज्य में सामान्य उद

By Edited By: Published: Sat, 06 Feb 2016 09:44 PM (IST)Updated: Sat, 06 Feb 2016 09:44 PM (IST)
ट्रक ऑपरेटरों के एकाधिकार से नंगल में यूरिया व्यवसाय प्रभावित : एनएफएल

जागरण संवादाता,नंगल

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नंगल में ट्रक ऑपरेटर यूनियन बहुत उच्च मार्जिन पर पंजाब के राज्य में सामान्य उद्योग की दरों की तुलना में उच्च दरों के रूप में काम कर रही हैं। यूनियन एकाधिकार से एनएफएल के साथ नियमित रूप से संघर्ष की वजह से नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (एनएफएल) कारखाने से सामान्य यूरिया प्रेषण को प्रभावित कर रहा है। ट्रकों के कार्य को लेकर हाल ही में एनएफएल और ट्रक यूनियन के बीच विवाद कुछ बिंदुओं पर शुरू हुआ, जोकि अब यूनियन और एनएफएल प्रबंधन के बीच व्यवसाय को प्रभावित करने का कार्य कर रहा है।

यह जानकारी शनिवार देर शाम कंपनी प्रबंधन ने प्रेस विज्ञप्ति में देते हुए बताया कि एनएफएल नंगल प्लाट से ट्रकों की ओर से मुख्य रूप से औद्योगिक उत्पादों जिसमें सोडियम नाइट्रेट, नाइट्रिक एसिड और यूरिया के परिवहन के लिए इस्तेमाल किया जाता हैं। यूरिया एक नियंत्रित उत्पाद है और उर्वरक सब्सिडी व्यवस्था के तहत कवर किया जाता है। एनएफएल एक केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम है और यूरिया की ढुलाई के लिए भारत सरकार की ओर से बनाई गई भाड़ा सब्सिडी नीति 2008 के अंतर्गत प्रतिपूर्ति कर रही है और इस का सख्ती से पालन किया जा रहा है। भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार उर्वरकों के प्रेषण रेल की ओर से अधिमानत 80 और बाकी सड़क मार्ग से होना चाहिए। उर्वरक भाड़े की प्रतिपूर्ति एनएफएल को भारत सरकार की ओर से दी जाती है। लेकिन इसका मतलब यह नही है कि शेष 20 टन सड़क मार्ग से भेजा जाना जरुरी है, अगर यह महंगा पड़ता हो। सब्सिडी योजना के अंतर्गत कंपनी को सरकार से प्रतिपूर्ति की एक विशेष राशि मिलती है और कोई अधिक विशेष राशि की तुलना में अधिक होने पर कंपनी द्वारा वहन की जाती है। क्योंकि नंगल में ट्रक यूनियन के उच्च परिवहन दरों की वजह से एनएफएल सड़क मार्ग से यूरिया की बड़ी मात्रा में ढुलाई नहीं कर सकता है।

एनएफएल के अनुसार पंजाब में अन्य ट्रक यूनियनों की परिवहन दरें तुलनात्मक नंगल से 18 टन से 52 टन कम हैं। यहा तक कि पड़ोसी बठिंडा यूनिट में भी दरें नंगल यूनिट से 20 टन कम है। स्थिति यह है कि सोडियम नाइट्रेट, नाइट्रिक एसिड, कास्टिक सोडा आदि की ढुलाई के लिए जहा स्थानीय ट्रक ड्राइवरों द्वारा उद्योग मानकों की तुलना में काफी उच्च दर चार्ज कर रहे हैं। नंगल से दिल्ली (340 किलोमीटर) सोडियम नाइट्रेट की ढुलाई के लिए स्थानीय संघ रुपये 1,875/- प्रति मी.टन. कि दर से ट्रक भाड़ा ले रहे है। जबकि एक ट्रक वडोदरा और दिल्ली के बीच इतने लंबे मार्ग की दूरी (1015 किलोमीटर) तय करने के लिए 2400/- प्रति मीट्रिक टन भाड़ा ले रहे है। सड़क मार्ग से उत्पादों के परिवहन की गैर व्यवहार्यता को देखते हुए एनएफएल प्रबंधन नें कुछ समय के लिए इकाई की विस्तार योजनाओं को रोक दिया है। यदि ये गतिरोध यूं ही चलता रहा तो पंजाब के किसानों को यूरिया आपूर्ति से जूझना पडेगा।


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