कारण बताओ नोटिस जारी होंगे मिड डे मील के एसएमएस न भेजने वाले टीचरों को
जागरण संवाददाता, रूपनगर
जिले के स्कूलों में मिड डे मील स्कीम को पारदर्शी ढंग से लागू करने के लिए बनाए गए मिड डे मील मानीटरिंग सिस्टम को लेकर स्कूल प्रबंधकों द्वारा बरती जा रही लापरवाही का प्रशासन ने कड़ा संज्ञान लिया है। डीसी ने आदेश दिए हैं कि जो स्कूल प्रबंधक निर्धारित समय पर एसएमएस नहीं करते उनको कारण बताओ नोटिस जारी किए जाएं।
सख्ती की वजह ये है कि इस योजना को 2013 के नवंबर माह में जिले में लागू कर दिया गया था लेकिन आज तक भी इसे 100 फीसद लागू नहीं किया जा सकता है। शुक्रवार को डिप्टी कमिश्नर तनु कश्यप ने इसे लेकर मीटिंग में सख्ती दिखाई। मीटिंग में बताया गया कि अभी भी 10 फीसद स्कूल जिले के ऐसे हैं जो नियमित रूप से इस सिस्टम के तहत एसएमएस नहीं कर रहे। बता दें कि एसएमएस के जरिये स्कूल प्रबंधकों को ये जानकारी देनी होती है कि कितने बच्चे स्कूल में हाजिर हुए और मिड डे मील में उन्हें खाने के लिए क्या दिया गया।
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90 स्कूल नहीं भेजते एसएमएस
जिले में 879 स्कूलों में मिड डे मील देने की व्यवस्था है। इन स्कूलों को हेड टीचर तथा मिड डे मील के इंचार्ज समेत बाकी टीचरों को मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड किए गए हैं। दस फीसद के हिसाब से 90 स्कूल ये एसएमएस नहीं भेजते।
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ऐसे करता है सिस्टम काम
स्कूल के हेड एवं मिड डे मील के इंचार्ज को मिड डे मील मानीटरिंग सिस्टम के तहत जिम्मेवार बनाया गया है। जो 8288029899 नंबर पर मैसेज भेजकर मिड डे मील की जानकारी देंगे। इनके लिए समय सुबह साढ़े 11 बजे का रखा गया है। एसएमएस सिस्टम की इंचार्ज हरमीत कौर ने बताया कि जिन स्कूलों में मोबाइल टावर की रेंज की दिक्त है उन्हें सायं पांच बजे तक की रियायत है। मैसेज में बच्चों की संख्या, दिए जाने वाले अनाज की जानकारी देनी होती है। अगर किसी कारणवश बच्चों को खाना नहीं दिया जाता तो इसकी जानकारी भी दी जाती है।
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डीसी अग्रवाल के दिमाग की उपज है ये सिस्टम
रूपनगर के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर प्रदीप कुमार अग्रवाल ने नेशनल इन्फ्रॉमेटिक सेंटर के जरिये मिड डे मील व्यवस्था को सही ढंग से लागू करवाने के लिए साफ्टवेयर मिड डे मिल मानीटरिंग सिस्टम बनवाया। ये एसएमएस बेस्ड सिस्टम है। इस सिस्टम को रूपनगर के बाद पंजाब के बाकी जिलों में लागू किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक लुधियाना, अमृतसर व बठिंडा में लागू किया जा चुका है।