मैंने सोचा था कोई गलती से बैठ गया है गाड़ी में..
जागरण संवाददाता, नंगल
ऐसा शहर में पहली बार हुआ है जब किसी पीड़ित रोगी को उपचार के दौरान महानगर में लूट लिया गया है। गत 12 जुलाई (शनिवार) को जालंधर में किडनी के डायलसिस के लिए गई प्रवीन सेठ आज भी उसे अपहरण की कोशिश के क्षणों को याद करके दहशत में है। प्रवीन बताती हैं कि वारदात के समय जब लुटेरे उसकी कार में घुसे तो उसने पहले तो यह समझा कि कोई गलती से उनकी गाड़ी में बैठ गया है। कुछ ही क्षणों बाद यह सोच उलट हो गई। अभी तक उनकी नवंबर 2012 माडल की वरना कार नंबर पीबी 12टी-0455 का कुछ पता नहीं चल सका है।
सोमवार को प्रवीन ने बताया कि दोपहर 2:30 बजे वह अस्पताल से उपचार करवा कर नंगल की तरफ निकली थी कि इसी दौरान मेडिकल स्टोर पर दवाइयां खरीदने के लिए उसे रुकना इस कद्र महंगा पड़ गया है कि जिसके बारे उसने कभी सोचा भी नहीं था। 35 से 45 वर्ष की उम्र के युवकों में उसको तो प्रवीन पहचान सकती है जो गाड़ी चला रहा था जबकि साथ बैठे युवक की वह शक्ल देख नहीं पाई है। सवा तीन तोले सोने की चेनी छीन लेने के बाद लुटेरे उसे आगे जाकर पिम्स अस्पताल में धक्का देकर फेंक गए।
----कार चलाने वाले लुटेरे ने बांध रखा था सिर पर कपड़ा---
लूट की वारदात को अंजाम देने वाले उस युवक ने माथे पर एक घिसा हुआ कपड़ा बांध रखा था जो आते ही गाड़ी को स्टार्ट करके भागा था। पंजाबी भाषा में बात करते हुए साथ बैठे युवक ने उसे धमकी भी दी थी।
---पिम्स अस्पताल के सीसीटीवी में है लुटेरों का फुटेज---
पिम्स अस्पताल जहां लुटेरे प्रवीन को फेंक कर गए थे वहां लगे सीसीटीवी में कार अंदर व बाहर जाती हुई रिकार्ड हो चुकी है। प्रवीन के बेटे अशीश बांभा ने बताया कि यह फुटेज भी जांच में सहायक बन सकती है।
---कार में रह गए मोबाइल के लोकेशन से उम्मीद---
कार में प्रवीन बांभा का मोबाइल भी रह गया है। अशीश ने बताया कि काफी देर तक मोबाइल ऑन रहा। उसके बाद मोबाइल ऑफ कर दिया गया है। कुछ देर तक ऑन रहे मोबाइल के सिग्नल लोकेशन से भी उन्हें उम्मीद है कि पुलिस के हाथ लुटेरों के गिरेवा तक पहुंच सकते हैं।