स्वामी जी ने छुआ-छूत व पाखंड को किया खत्म: डॉ. राजेंदर
संस, पटियाला आर्य समाज मंदिर में शिवरात्रि एवं 'ऋषि बोध उत्सव' बड़ी श्रद्धा एवं हर्षोल्लास के साथ
संस, पटियाला
आर्य समाज मंदिर में शिवरात्रि एवं 'ऋषि बोध उत्सव' बड़ी श्रद्धा एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। आर्य समाज के पदाधिकारी एवं सदस्यों ने विश्व की मंगल कामना करते हुए यज्ञ में आहुतियां प्रदान की। इस अवसर पर डॉ. राजेंदर विद्यालंकार (प्रो. कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय) ने मुख्य अतिथि के रूप में महर्षि दयानंद सरस्वती के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वामी जी ने समाज में फैली छुआ-छूत, नारी अशिक्षा, मूर्ति पूजा व पाखंड जैसी कुरीतियों को समाप्त करने के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया। वे महान शिक्षाविद क्रांतिकारी व दार्शनिक थे। उन्होंने अपनी ओजस्वी वाणी से तत्कालीन युवा पीढ़ी को स्वतंत्रता आंदोलन से जोड़ा। पं. गजेंद्र शास्त्री, बिजेंद्र शास्त्री, डॉ. ओमदेव शास्त्री, प्रि. निखिल रंजन शास्त्री ने भी स्वामी जी के जीवन पर प्रकाश डाला।
महान संगीतज्ञ दीवान चंद शास्त्री (चंडीगढ़) ने अपने मधुर भजनों के माध्यम से स्वामी के योगी व बलिदानी जीवन की महिमा का गुणगान किया।
इस उत्सव में आर्य समाज सरहंद, राजपुरा, मंडी गो¨बदगढ़ के प्रधान, पुरोहित एवं सदस्य उपस्थित थे। वीरेंद्र ¨सगला, आनंद मोहन सेठी, जीतेन्द्र शर्मा, यशपाल जुनेजा, प्रवीण कुमार, केके मोदगिल, गुलाब ¨सह एवं अनेक शिक्षण संस्थानों के सदस्यों ने भाग लिया।