डेरे में लंगर लगाने पर विवाद, पुलिस ने किया बचाव
संस, पटियाला म¨हद्रा कॉलेज के सामने प्राचीन डेरा ढूमा वाला में आयोजित भजन कीर्तन में उस समय
संस, पटियाला
म¨हद्रा कॉलेज के सामने प्राचीन डेरा ढूमा वाला में आयोजित भजन कीर्तन में उस समय खलल पड़ गया जब डेरे में रहते संत बाबा दिलावर जहर गिरी को आयोजन करने से कुछ लोगों द्वारा रोका गया। देखते ही देखते माहौल इतना गर्मा गया कि मामले में पुलिस और प्रशासन दोनों को दखल देनी पड़ी।
संत महंत आत्माराम ने कहा कि उक्त डेरा का महंत ज¨तदर दास है जोकि वर्ष 1981 से संतों की भेख द्वारा स्थापित है और डेरे के प्रमुख वहीं हैं। महंत के अनुसार डेरे में बैठा दिलावर ¨सह उर्फ जहर गिरी किरायेदार है। जोकि महाशिवरात्रि की आड़ में भजन कीर्तन कर डेरे का महंत बनने की साजिश कर रहा है। वहीं दूसरी ओर संत दिलावर गिरि का कहना है कि वह वर्ष 1982 से इस डेरे में सेवा कर रहे हैं और आसपास रहते इलाका वासियों से सहयोग से महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में कीर्तन करवाया जा रहा था। जिसके बाद लंगर चलाने का कार्यक्रम था। उन्होंने कहाकि वह केवल भगवान की सेवा कर रहे हैं उन्हें बाकि कोई कोई दिलचस्पी नहीं है। कुछ लोग जानबूझ कर माहौल खराब करने की कोशिश में हैं।
उधर, ¨हदू नेता लख¨वदर सरीन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अखिल भारतीय ¨हदू क्रांति दल अपने साथियों संजय शर्मा और महंत रविकांत के साथ वहां पहुंचे। ¨हदू नेताओं का पता चलते ही जल्द ही डेरा ढूम में डिवीजन नंबर-2 के प्रभारी दल बल के साथ पहुंचे और फर्जी बाबा जो डेरे का महंत बनना चाहता था को बाहर कर दिया। मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार मनमोहन कौशिक ने दोनों पक्षों की बात सुनी। जिसके बाद दोनों पक्षों को शांत करवाया और भंडारा शुरू करवाया। उन्होंने बताया कि उक्त डेरे का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इस लिए कुछ कहा नहीं जा सकता है। वरुण शर्मा, महंत भगवत दास, महंत जगदीश दास, महंत न¨रदर दास, महंत गुर¨वदर प्रकाश, महंत साधु रामजी चौरे वाले, महंत दीपिंदर दास, महंत दर्शन दास, महंत जगदीश दास, महंत रविकांत जी के अलावा कई हिंदू कार्यकर्ता उपस्थित थे।