मुझे गलत नीतियों के विरोध की सजा मिली : डा. गांधी
आम आदमी पार्टी से निलंबित किए गए सांसद डा. धर्मबीर गांधी ने कहा है कि उन्हें पार्टी नेताओं की गलत नीतियों का विरोध करने की सजा मिली है। वह अब भी आम आदमी पार्टी के साथ हैं और पार्टी का प्रचार जारी रखेंगे।
जागरण संवाददाता, पटियाला : आम आदमी पार्टी से निलंबित किए गए सांसद डा. धर्मबीर गांधी ने कहा है कि उन्हें पार्टी नेताओं की गलत नीतियों का विरोध करने की सजा मिली है। वह अब भी आम आदमी पार्टी के साथ हैं और पार्टी का प्रचार जारी रखेंगे।
उन्होंने कहा कि वह आम आदमी पार्टी से जुड़े रहेंगे और पार्टी का सही रास्ते पर लाने के लिए प्रयास करते रहेंगे। योगेंद्र यादव के साथ भविष्य में किसी तरह से हाथ मिलाने के सवाल पर उनका कहना था कि इस तरह का उनका कोई इरादा नहीं है।
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उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व द्वारा पंजाब में कुछ लोगों को जबरन ऊपर बिठा दिया गया। ये लोग राज्य मेें पार्टी को अपनी जागीर समझकर काम कर रहे हैं। इससे पार्टी का अहित हुआ है। उन्होंने दावा किया कि जनता आम आदमी पार्टी को सत्ता सौंपने के लिए बेताब है।
पार्टी नेतृत्व निकालने का बहाना तलाश रहा था: खालसा
दूसरी ओर सांसद हरिंदर सिंह खालसा ने कहा है कि आाप का पार्टी नेतृत्व उन्हें बाहर निकालने के लिए बहाने तलाश रहा था। वह खुद नहीं चाहते थे कि पंजाब के लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ हो।
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उन्होेंने कहा कि उनके हलके में आते गांव इसड़ू में बीते दिनों हुए पार्टी सम्मेलन में उन्हें बुलाया नहीं गया था क्योंकि दिल्ली के लोग (पार्टी नेता) उन्हें पसंद नहीं करते। पार्टी की सीनियर लीडरशिप को पंजाब के लोगों के स्वभाव तथा सियासी मिजाज को समझना चाहिए।
खालसा ने कहा कि वह किसी के आगे पूंछ नहीं हिला सकते। आज पंजाब में पार्टी को संजय सिंह तथा दुर्गेश पाठक चला रहे हैं। उन्हें लोग कहां ढूंढेंगे। खालसा ने कहा कि वह पंजाब व यहां लोगों की भले की बात कर रहे हैं।
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रोज लोगों का मर्ज देखते हैं डा. गांधी
वर्ष 2014 में लोकसभा चुनावों से पहले जनलोकपाल की आवाज देश में उठने के महज 15 दिन बाद डा. गांधी इस आंदोलन का हिस्सा बने। उन्होंने इसके लिए यहां कई धरना-प्रदर्शन किए और फिर लोक सभा चुनाव में पहली बार पटियाला से पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी व पूर्व सांसद परनीत कौर कोपराजित कर सांसद चुन गए।
वर्ष 1977 में जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन पंजाब के महासचिव पद पर रहने वाले हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. धर्मबीर गांधी सरकारी नौकरी के दौरान उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा और लुधियाना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। नौकरी में उन्होंने मॉडल रूरल मेडिकल सेंटर की शुरुआत की। बिलासपुर गांव में शुरू किए गए इस सेंटर को सर्वश्रेष्ठ सेंटर का पुरस्कार मिला।
सरकारी मेडिकल कॉलेज पटियाला से कार्डियोलॉजी विभाग में सहायक प्रोफेसर के तौर पर दस साल सेवा की। उसके बाद वह नेशनल वॉलंटरी ग्रुप के साथ जुड़ गए। वर्ष 2001 के बाद से वह शहर में सबसे सस्ता उपचार उपलब्ध कराने के लिए निजी क्लीनिक चला रहे हैं। सांसद बनने के बाद भी वह रोजाना मरीजोंका देखते हैं।
राजनीति के पुराने खिलाड़ी हैं खालसा
फतेहगढ़ साहिब लोकसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के सासंद हङ्क्षरदर सिंह खालसा राजनीति में आने से पहले भारतीय विदेश सेवा में थे। नार्वे व बैंकॉक में तैनात रहे। इससे पहले जीजीएन खालसा कालेज लुधियाना में बतौर लेक्चरर भी सेवा दे चुके हैं। 1984 में आपरेशन ब्लू स्टार के के विरोधस्वरूप उन्होंने सरकारी सेवा से इस्तीफा दिया। वह कई साल विदेश में निर्वासित रहे।
देश में पीवी नरसिंह राव की सरकार के दौरान वह स्वदेश लौट आए। अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में वह राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के अध्यक्ष भी रहे। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) में भी वह 1991 से 2003 तक पदाधिकारी रहे। 1996 में शिरोमणि अकाली दल (अ) से बठिंडा सीट से चुनाव लड़े और सांसद निर्वाचित हुए। 2014 के संसदीय चुनावों की घोषणा से पहले वह आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए और सांसद बने।