मन पर काबू पाने वाला ही सफलता प्राप्त करता है: साध्वी
संस, पटियाला समाना दर्दी कॉलोनी में दो दिवसीय सत्संग कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें प्रथम दिन अपने
संस, पटियाला
समाना दर्दी कॉलोनी में दो दिवसीय सत्संग कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें प्रथम दिन अपने विचार रखते हुए साध्वी अदिति भारती ने बताया कि वर्तमान एक तोहफा है एवं जो मनुष्य इस तोहफे का मूल्य पा लेता है भाव कि अपने मन को वर्तमान में एकाग्र करता है, वहीं सफलता भी प्राप्त करता है। मन को भूतकाल एवं भविष्य काल से तोड़कर यदि हम वर्तमान में ले आए तो वर्तमान में उसकी क्रिया आरंभ होती है, क्योंकि मन तो विचारों का समूह है जो कुछ न कुछ तो सोचेगा ही। अकसर देखा जाता है कि व्यक्ति शारीरिक तौर पर अपने घर के किसी कौने में बैठा तो अवश्य होता है, परंतु उसका मन कही बाहर की सैर ही कर रहा होता है। मन कभी भूतकाल तो कभी भविष्य की यादों, आशाओं में ही बिखरा रहता है। मनुष्य के विचार भी दो प्रकार के होते है। अच्छे और बुरे विचार, यह विचार ही घटनाओं को जन्म देते हैं। यदि बुरे विचारों पर अमल किया जाए तो वह बुरा कर्म बन कर सामने आएगा, क्योंकि जिस प्रकार विचार घटनाओं को जन्म देते हैं ऐसे ही घटनाएं भी विचारों को जन्म देती है। यही सिलसिला आगे बढ़ता है और अशांत, बिखरा एवं कुरीतियों युक्त समाज की सजृना करता है। जिसका उदाहरण हमारा वर्तमान समाज है।
साध्वी ने बताया कि यदि विचारों की गति रोकनी है तो मनुष्य की आत्मा का मिलन ईश्वर से करवाना होगा। आत्म साक्षत के बाद ही मनुष्य अपने जीवन का उद्देश्य प्रभु भक्ति प्राप्त कर सकता है। इसलिए समय के रहते हमें पूर्ण सद्गुरु के पावन सानिध्य को प्राप्त करना होगा।