डॉ. मंजीत निज्जर पीयू के नए रजिस्ट्रार नियुक्त
जागरण संवाददाता, पटियाला : पंजाबी विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर डॉ. जसपाल ¨सह के मार्च माह में
जागरण संवाददाता, पटियाला : पंजाबी विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर डॉ. जसपाल ¨सह के मार्च माह में त्यागपत्र देने के बाद हालात सामान्य होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। पीयू के तत्कालीन रजिस्ट्रार डॉ. दे¨वदर ¨सह को हटाए जाने के बाद डॉ. इंद्रजीत ¨सह की नियुक्ति की गई, परंतु मात्र ढाई माह में ही राजनीति के चलते डॉ. इंद्रजीत ¨सह ने अपने पद से त्यागपत्र देकर हलचल मचा दी। अब डॉ. इंद्रजीत ¨सह के स्थान पर रजिस्ट्रार पद पर डॉ. मंजीत ¨सह निज्जर की नियुक्ति कर दी गई है।
डॉ. निज्जर ने पदभार ग्रहण करने के बाद कहा कि उन्हें जो नई जिम्मेवारी सौंपी है, वह उसे पूरी ईमानदारी से निभाएंगे। लंबे समय से चल रही समस्याओं को वह मिल बैठकर हल करवाने की कोशिश करेंगे। डॉ. निज्जर को डीन एकेडमिक डॉ. गुरनाम ¨सह, पदभार मुक्त हुए रजिस्ट्रार डॉ. इंद्रजीत ¨सह, वित्त अफसर डॉ. बीएस सिद्धू, पूर्व खेल निदेशक डॉ. राज कुमार शर्मा ने पद ग्रहण करने पर बधाई दी। पदभार ग्रहण करने के समय पर कई अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
नियमों से बाहर हो कार्रवाई करना मुश्किल था : डॉ. ¨सह
पदमुक्त हुए डॉ. इंद्रजीत ¨सह ने बताया कि रजिस्ट्रार का पद ऐसा है, जिस पर कार्यरत कोई भी अधिकारी नियमों की उल्लंघना नहीं कर सकता। मौजूदा समय में विवि में कई समस्याएं चल रही हैं। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने 50 प्रोफेसरों को शो-कॉज नोटिस जारी किया था। इन प्रोफेसर्स पर कार्रवाई केवल ¨सडीकेट की बैठक के बाद ही की जा सकती थी, जबकि विवि में ¨सडीकेट की बैठक नहीं हो पा रही है। ¨सडीकेट की बैठक के बिना किसी पर भी कोई कार्रवाई न करने का स्टैंड लेते हुए अपने पद से त्यागपत्र दे दिया।
पहले भी कम समय के लिए हुई रजिस्ट्रार पद पर नियुक्ति
डॉ. इंद्रजीत ¨सह विवि के रजिस्ट्रार पद पर दो माह 15 दिन आसीन रहे हैं। यह पहला मौका नहीं है कि विवि में इतने कम समय के लिए रजिस्ट्रार के पद पर कोई अधिकारी तैनात रहा हो। इससे पहले डॉ. गुरशरण कौर जग्गी को 7 मार्च, 2000 में रजिस्ट्रार का पद सौंपा गया। परंतु एक माह से कम समय में ही उन्हें तीन अप्रैल 2000 को पदमुक्त कर दिया गया था। इसके बाद डॉ. बलदेव ¨सह संधू ने 22 जुलाई 2007 को रजिस्ट्रार पद ग्रहण किया। परंतु डॉ. संधू भी चार माह और पांच दिनों के बाद पदमुक्त कर दिए गए।