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विज्ञापन पॉलिसी को लेकर निगम अपना रहा दोहरी नीति

जासं, पटियाला नगर निगम अपनी विज्ञापन पॉलिसी को लेकर दोहरी नीति अपना रहा है। जिस पर व्यापारियों और

By Edited By: Published: Sun, 26 Jun 2016 09:20 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2016 09:20 PM (IST)
विज्ञापन पॉलिसी को लेकर निगम अपना रहा दोहरी नीति

जासं, पटियाला

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नगर निगम अपनी विज्ञापन पॉलिसी को लेकर दोहरी नीति अपना रहा है। जिस पर व्यापारियों और शिक्षा संस्थानों के संचालकों को एतराज है। बीते वीरवार को नगर कमिश्नर ने शहर में 15 कारोबारियों द्वारा शहर के विभिन्न इलाकों में निगम की अनुमति के बिना विज्ञापन बोर्ड लगाए हुए थे। पटियाला व्यापार बचाओ संघर्ष कमेटी के प्रधान राकेश गुप्ता का कहना है कि निगम की विज्ञापन पॉलिसी का सभी व्यापारी पूरी सम्मान करते हैं। किसी को भी निगम की अनुमति के बिना किसी भी तरह का कोई विज्ञापन शहर में नहीं लगाना चाहिए। यदि कोई अपना विज्ञापन शहर में लगाता है तो वह निगम के निर्धारित रेट पर फीस भरकर विज्ञापन लगाने की अनुमति ले सकता है, लेकिन इन दिनों निगम अपनी विज्ञापन पॉलिसी को लेकर दोहरी नीति अपना रहा है। शहर का कोई भी हिस्सा इस समय ऐसा नहीं है, जहां पर बड़े-बड़े राजनीतिक विज्ञापन बोर्ड न लगे हों। राकेश गुप्ता ने कहा कि जब शहर में बड़े राजनीतिक विज्ञापन बोर्ड लगाए जा सकते हैं तो निजी कंपनियों द्वारा लगाए जाने वाले बोर्ड पर निगम को कोई एतराज क्यों हैं। उन्होंने कहा कि निगम की टीमें समय-समय पर शहर के खंबों या इमारतों पर लगे अवैध विज्ञापन बोर्ड उतारने का काम करता आ रहा है, लेकिन दुकानदारों या कारोबारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की सिफारिश कर निगम कमिश्नर ने कारोबारियों की परेशानी को बढ़ा दिया है। राकेश गुप्ता के अनुसार व्यापारियों पर मामला दर्ज करने पर व्यापारी कोई विरोध नहीं करेंगे, लेकिन निगम राजनीतिक विज्ञापन बोर्ड लगाने वालों के खिलाफ भी एफआइआर दर्ज करने की सिफारिश एसएसपी को करें।

उधर, निगम कमिश्नर का कहना है कि जिन 15 लोगों के खिलाफ अवैध विज्ञापन लगाने की शिकायत एसएसपी को भेजी गई है, उन्हें निगम की ओर से दो बार चालान भेजा गया है। अधिकतर दुकानदारों ने चालान लेने से इंकार करते हुए निगम अधिकारियों से अमानवीय व्यवहार किया। उन्होंने कहा कि जिन राजनीतिक विज्ञापनों की बात व्यापारी कर रहे हैं, उन्हें शायद इस बात की जानकारी नहीं है कि अधिकतर राजनीतिक विज्ञापन बोर्ड निगम में निर्धारित फीस भरने के बाद ही लगाए गए हैं।


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