मिर्जा साहिबां नाटक ने किया ऐतिहासिक गाथा को जीवंत
जासं, पटियाला कहते हैं कि समाज में फैली कुरीतियों के प्रति जनमानस को जागरूक करने और इतिहास को याद
जासं, पटियाला
कहते हैं कि समाज में फैली कुरीतियों के प्रति जनमानस को जागरूक करने और इतिहास को याद करवाने के लिए नाटक मंचन बेहद सटीक माध्यम है। इसी कड़ी के तहत नाटक वाला थियेटर ग्रुप की ओर से बीते 16 साल से समर थियेटर उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। नार्थ जोन कल्चरल सेंटर (एनजेडसीसी) के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय समर थियेटर उत्सव के अंतिम दिन स्व. बलवंत गार्गी के लिखित ऐतिहासिक नाटक मिर्जा साहिबा का शानदार मंचन किया गया।
नाटक वाला थियेटर ग्रुप के संस्थापक राजेश शर्मा की ओर से निर्देशित नाटक मिर्जा साहिबा की रोमांचक पेशकारी की गई। पंजाब की धरती पर पनपी प्यार करने वालों की रोमांचक गाथा मिर्जा साहिबा को पूर्ण रूप से फिल्मी अंदाज से पेश किया गया। नाटक में मिर्जा का किरदार संदीप कैले और साहिबा का किरदार चरणप्रीत ने बाखूबी निभाया। नाटक में अन्य किरदारों में जसवंत जीत, रा¨जदर वालिया, कविता शर्मा, अंजू सैनी, सिमरन, किरणदीप, संजना, सु¨रदर जीत बाठ, रैविन यैटी, दीपक बातिश, सुलतान ¨सह, जरनैल, जगमीत, हरमन, प्रवीण गुप्ता का अभिनय सराहनीय रहा। नाटक में अरमान लचकानी, र¨वदर ¨सह, आदिल खान के गाए गीतों ने नाटक को यादगार बनाने में अहम रोल अदा किया। नाटक को सफल बनाने में समाज सेवक सेठ शाम लाल नवयुग का मुख्य योगदान रहा। गौर हो यह उत्सव डॉ. प्रेम प्रकाश धालीवाल को समर्पित था।