'हर्बल रंगों से मनाएं होली, एलर्जी से बचें'
विजय ठाकुर, पटियाला रंगों का त्योहार होली शुक्रवार को धूमधाम से मनाया जा रहा है। आप भी जमकर होली
विजय ठाकुर, पटियाला
रंगों का त्योहार होली शुक्रवार को धूमधाम से मनाया जा रहा है। आप भी जमकर होली खेलें, लेकिन रंग हर्बल हों तो सोने पे सुहागा। यानी हर्बल रंगों का इस्तेमाल करें और केमिकल रंगों की एलर्जी से खुद बचें और दूसरों को भी बचाएं। बाजार में सस्ते रंगों की भरमार है। यह रंग मात्र 20 रुपये किलो मिल रहा है, जबकि हर्बल रंगों की कीमत 50 रुपये से लेकर 200 रुपये किलो है लेकिन जहां तक आपकी सेहत व स्किन की सुरक्षा की बात है तो इससे कीमती कुछ भी नहीं।
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पहली बार आई छाता पिचकारी
सरहंदी बाजार के दुकानदार हीरा लाल कहते हैं कि बाजार में विदेशी पिचकारियों की भरमार है। वहीं, राम जगत राजन कहते हैं कि इस बार बाजार में चायनीज प्रेशरगन पिचकारी, वाटरगन पिचकारी, छातागन पिचाकारी और म्यूजिकल पिचकारी की मांग ज्यादा है। इसकी कीमत 100 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक है। छाता पिचकारी पहली बार बाजार में आई है। इसकी विशेषता ये है कि अगर कोई आपको रंग दे तो छाता से बचें और आप छाता पिचकारी से दूसरे पर रंग डालें। इसी तरह पांच लीटर रंग वाली वाटरगन भी बाजार में उपलब्ध है। इस पिचकारी की कीमत एक हजार रुपये तक है।
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केमिकल से फट सकती है स्किन : डॉ. एसपी सिंह
डॉ एसपी सिंह का कहना है कि केमिकल रंगों के इस्तेमाल से स्किन फट सकती है। आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, चमड़े पर रेडनेश और इनफेक्शन व दाने तक निकल सकते हैं। रंग लगाकर धूप में जाने से भी बचना चाहिए अन्यथा स्किन पर ज्यादा रेडनेश आ सकता है।