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बर्खास्त एएसआइ की याचिका पर नहीं आया सरकारी जवाब

By Edited By: Published: Wed, 06 Mar 2013 08:06 PM (IST)Updated: Wed, 06 Mar 2013 08:09 PM (IST)
बर्खास्त एएसआइ की याचिका पर नहीं आया सरकारी जवाब

अपराध संवाददाता, पटियाला

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बादशाहपुर सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी बर्खास्त एएसआइ नसीब सिंह ने 22 फरवरी की पेशी पर अदालत में खुद को केस से डिस्चार्ज करने की याचिका दायर की थी। इस याचिका पर अदालत ने सरकार का पक्ष मांगा था, लेकिन सरकार ने बुधवार की पेशी तक अपना पक्ष अदालत को नहीं दिया। यही कारण है कि अदालत में इस मामले की सुनवाई आगे नहीं बढ़ सकी और इसकी अगली पेशी 14 मार्च निर्धारित कर दी गई है। इस मामले के सभी आरोपी बलविंदर सिंह, गुरप्रीत सिंह, संदीप सिंह, शिंदरपाल कौर और बर्खास्त एएसआइ नसीब सिंह आज अदालत में अपने वकीलों के साथ पेश हुए।

केस हिस्ट्री

बीते साल दिवाली की रात 13 नवंबर को समाना के गांव बादशाहपुर निवासी एक लड़की का एक महिला सहित तीन युवकों ने अपहरण किया और उसे खेतों में स्थित ट्यूबवेल (मोटर) के कमरे में ले गए। कमरे में तीन युवकों ने लड़की को कोई नशीली वस्तु पिलाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और बाद में उसे उसके गांव में फेंककर फरार हो गए। पीड़ित लड़की अपने परिजनों के साथ 14 नवंबर को बादशाहपुर पुलिस चौकी में शिकायत लेकर पहुंची। पुलिस चौकी प्रभारी एएसआइ नसीब सिंह ने पीड़ित लड़की की फरियाद सुनने के स्थान पर उसका मजाक उड़ाया और उसे बेइज्जत किया। इसके बाद पीड़ित लड़की घग्गा पुलिस थाना पहुंची और वहां पर भी उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। कई दिन पुलिस थानों के चक्कर लगाने के बाद आखिरकार 21 नवंबर को घग्गा पुलिस ने एक महिला सहित चार आरोपियों के खिलाफ दुष्कर्म और अपहरण का मामला दर्ज किया। केस रजिस्टर कर लेने के बाद भी पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करना जरूरी नहीं समझा। 26 दिसंबर की रात को पीड़ित लड़की ने समाना में अपनी मौसी के घर में कोई जहरीली दवा खाकर आत्महत्या कर ली। पूरा मामला जब मुख्यमंत्री के दरबार में पहुंचा तो जांच के लिए स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) बनाई गई। घग्गा पुलिस थाना प्रभारी गुरचरण सिंह और बादशाहपुर थाना प्रभारी नसीब सिंह को नौकरी से बर्खास्त करने के साथ-साथ आरोपी नसीब सिंह के खिलाफ सरकारी दस्तावेजों से छेड़छाड़ और आत्महत्या के लिए बाध्य करने का मामला भी दर्ज कर दिया गया।

एसआइटी ने इस पूरे मामले की तफ्तीश के बाद 176 पेजों की चार्जशीट अदालत में दायर कर दी है। एसआइटी ने इस मामले में कुल 33 गवाहों की सूची दायर की है, इनमें डाक्टर, पटवारी, पुलिस अधिकारी और पीड़ित परिवार के सदस्य शामिल हैं।

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