संत के बिना ईश्वर की प्राप्ति असंभव : नीरजा भारती
जागरण संवाददाता, नवांशहर दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से टकराला में शुरू हुए तीन दिवसीय कीर्
जागरण संवाददाता, नवांशहर
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से टकराला में शुरू हुए तीन दिवसीय कीर्तन दरबार के तीसरे और अंतिम दिवस आशुतोष महाराज की शिष्या नीरजा भारती ने कहा कि संत के बिना ईश्वर को प्राप्त करना असंभव है। आज हर इंसान के अंदर से प्रार्थना में प्रभु का नाम आता है। आजकल रिश्ते नाते स्वार्थ से भरे पडे़ हैं।
हमारे धार्मिक ग्रंथ कहते हैं कि सांस टूटते ही रिश्ते टूट जाएंगे, सगे संबंधी तेरे यही छूट जाएंगे। स्वार्थ भरी इस दुनियां में कोई भी सच्चा रक्षक नहीं है, पापचार बढ़ रहा है। आज मां-बाप को मौत के घाट उतार देने वाले बच्चों के कुकर्म पढ़ने को मिलते हैं।
उन्होंने कहा कि मात्र प्रभु से रिश्ता पक्की डोर है जिसके साथ जुड़ने पर इंसान संसार में रहता हुआ उस सच्चे रिश्ते को अपना सकता है, लेकिन प्रश्न है कि उस सच्चे रिश्ते को कैसे जोड़ा जाए। ईश्वर को प्राप्त करने के लिए अंत:करण में उतरना होगा यह तभी संभव हो सकता है यदि जीवन में अपने भीतर उतरने की युक्ति प्रदान करने वाला कोई संत हमारे जीवन में आए क्योंकि संत के बिना ईश्वर को प्राप्त करना असंभव है।
इस अवसर पर गंगाधरी भारती , प्रीती भारती, शशिप्रभा भारती ने गुरबाणी शब्दों का गायन भी किया।