बच्चों को डांटे नहीं, दोस्त बन कर समझाएं
जागरण संवाददाता, नवांशहर : राहों रोड पर स्थित श्री विश्वकर्मा मंदिर में श्री श्री ज्ञान विकास केंद
जागरण संवाददाता, नवांशहर :
राहों रोड पर स्थित श्री विश्वकर्मा मंदिर में श्री श्री ज्ञान विकास केंद्र संस्थान नवांशहर की ओर से आर्ट ऑफ ली¨वग साप्ताहिक योग शिविर का आयोजन के चौथे दिन लोगों ने तंदुरुस्त रहने के लिए जॉगिंग की।
कार्यक्रम के दौरान ब्रह्मऋषि विशाल ने कहा कि हमें परिवार में रिश्तों को अहमियत देने के साथ उस में हर किसी से प्यार व शांति से बात करनी चाहिए। घर में पति-पत्नी के बीच किसी तीसरे को नहीं आने देना चाहिए। इसी से घरों में क्लेश उत्पन्न होता है। यदि घर में बड़े बुजुर्ग हैं तो उन्हें भी नए जमाने के साथ सोच को बदलना चाहिए। जैसे पुराने समय में जो था वह अब नहीं जो अब है वह कल नहीं होगा। प्रकृति का नियम है बदलाव जिसे हर किसी को स्वीकार करना चाहिए। जो मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के समय था वह भगवान कृष्ण के समय नहीं रहा। उसी तरह बुजुर्गों को भी नई पीढ़ी की सोच के अनुसार खुद में बदलाव लाना चाहिए। तभी घरों में शांति स्थापित की जा सकती है। इसी तरह माता-पिता को अपने बच्चों से सख्ती के स्थान पर दोस्ताना ढंग से समझाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुबह कम से कम एक घंटा जॉ¨गग जरुर करें। इससे ताजा अॅाक्सीजन फेफड़ों को मिलेगी। खाने में अधिक हरि सब्जियों का सेवन करें। इससे भी ज्यादा जरूरी है मौसम के अनुसार फल व सब्जियों को ही खाएं। इस अवसर पर सभी लोगों को एक-एक बिस्किट देकर खाने की कला बताई। कैसे एक निवाले को चबाकर खाने से सारे शरीर में तरल पदार्थ के रूप में एनर्जी मिलती है। कम से कम एक निवाले के 20 से 25 दफा चबाकर खाना चाहिए। खुद को तंदरुस्त रखने के लिए शिविर में शुक्रवार को तीन टुकड़ियां बना कर राहों रोड की सड़क के दोनों तरफ पर जो¨गग व कसरत करवाई गई। इस अवसर पर मैनेजर सु¨रदर कुमार, वालंटीयर जस¨वदर, नेहा तनेजा, पायल, विशाल कुमार, रोहित कुमार, सुरेश कुमार, अविनभ मैहता, गोपाल शर्मा, वीना, अशोक कुमार, गौतम, बांके बिहारी, राम प्यारी, मनजीत कुमार, रितू, संदीप कुमार, सतीश कुमार, पवन, वर्षा, विजय कुमार, परमजीत कौर, संजय कुमार, विजय कुमार, गुरदीप ¨सह आदि उपस्थित रहे।
सुबह 4 से 8 बजे तक चलेगा योग शिविर
कार्यक्रम के मुख्य आयोजक सन्नी तनेजा ने बताया कि योग शिविर में शनिवार को सुबह चार बजे से आठ बजे तक का समय रहेगा। जिसमें पहले एक घंटा ध्यान मुद्रा, फिर प्रवचन, संगीत व भजन के साथ नृत्य, योग, प्राणायाम, सतसंग व जॉ¨गग किया जाएगा।