आम से खास हुए 'आप' के विधायक
जागरण संवाददाता, नवांशहर अन्ना हजारे के जन आंदोलन से तैयार हुई आम आदमी पार्टी ने भले ही आम आदमी-आम
जागरण संवाददाता, नवांशहर
अन्ना हजारे के जन आंदोलन से तैयार हुई आम आदमी पार्टी ने भले ही आम आदमी-आम आदमी कह कर बहुत ही कम समय में देश की राजनीति में अपनी पहचान बना ली हो, लेकिन दिल्ली में सत्ता हासिल करने बाद विधायकों का वेतन 80 हजार से 2.10 लाख करने से लोग पार्टी का असल चेहरा पहचानने लगे है।
लोगों का कहना है जिस पार्टी के नेता सत्ता में आने से पहले सरकारी गाड़ी, बंगला, सिक्योरिटी व वेतन आदि सुख सुविधाओं से वंचित रहने के दावे कर रहे थे आज उन्होंने ही अपने वेतन करीब तीन गुणा कर वह लोगों के सपनों को पूरा करने की बजाय शायद खुद के सपने पूरा करने में जुट गई है। पार्टी ने दिल्ली में सत्ता हासिल करने के बाद 2017 के विस चुनाव दौरान पंजाब में भी अपना भविष्य तराशना शुरू किया हुआ है। लेकिन पार्टी द्वारा बीते कुछ महीनों से की जा रही गतिविधियों से आम लोग पार्टी के नेताओं का चेहरा पहचानने लगे है।
सत्ता में आते ही बढ़ी पैसे की भूख
राज¨वदर ¨सह हीर का कहना है कि शहीदों ने देश की आजादी के लिए अपने सुख त्याग कर देश की सेवा करते हुए अपनी जाने तक कुर्बान कर दी, मगर आज के राजनीतिक लोग सिर्फ पैसे को अहमियत ज्यादा देते हैं। उसका जीता जागता सबूत दिल्ली सरकार द्वारा विधायकों की इतनी बड़ी सैलरी लगाना सामाने आ रहा है। उन्होंने कहा कि पहले जो आम आदमी थे सत्ता में आते ही खास हो गए, जिसके चलते उनका 80 हजार के वेतन से गुजारा नहीं हो रहा, इसी लिए वेतन में वृद्धि की गई है।
लोगों से धोखा नहीं होना चाहिए
आम आदमी पार्टी से जुड़े व समाज सेवक अश्वनी जोशी ने कहा कि मानते हैं महंगाई में खर्चे होते हैं, मगर यदि लोगों की सेवा करने के लिए आए हैं तो एनजीओ बनाकर भी सेवा की जा सकती है। इस तरह लोगों से धोखा नहीं होना चाहिए। विधायक मोटी तनख्वाह लेने के बावजूद विधानसभा के सेशन में भी नहीं पहुंच पाते।
आफिस खर्च के लिए बढ़ाया वेतन
जबकि शहर के आम आदमी के नौजवान वालंटियर गगन अग्निहोत्री का कहना है कि इससे पहले जो सरकार या विधायक दिल्ली में काम करते थे वो भ्रष्टतंत्र द्वारा पैसा इकट्ठा करते थे। अब दिल्ली भ्रष्टाचार मुक्त हो चुकी है तो एक इमानदार विधायक अपना परिवार और विधानसभा ऑफिस चलाने के लिए एक निर्धारित राशि की जरूरत होती है। इसी को देखते हुए विधायकों के वेतन में बढ़ोतरी की गई है।
जनता के साथ धोखा है
बिजनेसमैन राकेश कुमार बिट्टू का कहना है कि जो भी व्यक्ति सेवा करने की नियत से राजनीति में आया है, उसका वेतन से कोई मतलब ही नहीं बनता। यदि वह सरकार बनाने के बाद अपने फायदे के लिए ही काम करता है तो ये लोगों के साथ धोखा है। आप के चेहरे से उतरा मुखौटा
प्रो. प्रेम ¨सह चंदूमाजारा ने कहा कि लोगों से झूठे वायदे कर सत्ता में आई आम आदमी पार्टी की दिल्ली में सरकार बनने के बाद ही चुनाव के लिए वायदों से पला झाड़ना शुरू कर दिया था। वहीं लोगों की सेवा करने वाले आम आदमी सत्ता में आने के बाद इतने खास हो गए कि उनका 80 हजार में भी गुजारा नहीं हो रहा। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेताओं के चेहरों से लगाता मुखौटें उतर रहे हैं।
दिल्ली सरकार आम आदमी का सबूत दे : पल्ली झिक्की
जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रधान सतवीर ¨सह पल्ली झिक्की ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता जैसा चुनाव के दौरान प्रचार कर रहे थे, उसका जनता को सबूत देने के लिए विधायकों का वेतन बढ़ाने की बजाए बंद कर देती, वहीं रुपया गरीब बस्तियों में रह रहे लोगों का जीवन स्तर ऊंचा करने पर ध्यान देती तो लोगों का भरोसा कायम रहता। यही कारण है कि लोग दिन प्रति दिन पार्टी से अलग हो रहे है।