सवालों के घेरे में पुलिस कार्रवाई
सनप्रीत ¨सह मांगट, नवांशहर पुलिस चौकी सेखामजारा के प्रभारी की ओर से दर्ज ढाई ग्राम हेरोइन के मा
सनप्रीत ¨सह मांगट, नवांशहर
पुलिस चौकी सेखामजारा के प्रभारी की ओर से दर्ज ढाई ग्राम हेरोइन के मामले ने जिला पुलिस की कार्रवाई पर कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। इस संबंध में पुलिस के आला अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। अब देखना होगा कि पुलिस अपने पर उठ रहे सवालों का जबाव कैसे देती है।
मामले के अनुसार नारकोटिक सेल के इंचार्ज प्रेम ¨सह ने मंगलवार को राहों के गांव सेखा मजारा में स्थित फैक्ट्री के नजदीक फर्जी ग्राहक के जरिए दो युवकों को तीन ग्राम हेरोइन सहित हिरासत में लेने का दावा किया था। इसके बाद दोनों को नवांशहर स्थित नारकोटिक सेल के दफ्तर में पूछताछ के लिए लाया गया। जहां से राहों के युवक को राहों थाना व नाई मजारा के युवक को थाना सदर नवांशहर भेज दिया गया। यहां पर बुधवार दोपहर तक दोनों युवकों पर कोई मामला दर्ज नहीं किया गया। इसकी भनक जब मीडिया को लगी तो पुलिस ने आनन-फानन में दोनों के खिलाफ 250-250 ग्राम नशीले पदार्थ का मामला दर्ज करने की तैयारी कर ली। इसमें नाई मजारा के युवक को गांव लंगड़ोया के नजदीक से काबू करने व राहों के युवक को गांव गढ़ी उधोवाल से काबू करने का दावा किया जा रहा था। लेकिन पुलिस की कथित धक्केशाही का मामला बढ़ता देख सभी मीडिया कर्मी थाना सदर नवांशहर में इकट्ठे होने शुरू हो गए और मामले को जानना चाहा तो खुद डीएसपी रु¨पदर कौर भट्टी ने मीडिया के सामने दोनों युवकों से पूछताछ के बाद केस दर्ज करने का भरोसा दिया। मीडिया के सामने उक्त सारी बाते थाना सदर नवांशहर में हुई। जिसके बाद फिर पुलिस के सामने बात आई कि पुलिस ने दोनों से तीन ग्राम हेरोइन बरामद की थी। जिसके बाद जाकर करीब 30 घंटे बीतने बाद दोनों युवकों के खिलाफ थाना राहों में सेका मजारा पुलिस चौकी के प्रभारी इकबाल ¨सह के बयानों पर ढाई ग्राम हेरोइन का मामला दर्ज किय गया जो लोगों के गले नहीं उतर रहा।
मुझे नहीं पता : चौकी प्रभारी
इस संबंध में चौकी सेखा मजारा प्रभारी इकबाल ¨सह ने कहा कि वह कुछ नहीं जानते कि किस ने और कहां से दोनों को हिरासत में लिया। इस बारे में कोई भी जानकारी चाहिए तो आप डीएसपी रु¨पदर कौर भट्टी से बात करें। उनके ही आदेशों पर कार्रवाई की गई है।
जो बरामद हुआ उसी का दर्ज किया मामला : डीएसपी भट्टी
इस संबंध में डीएसपी रु¨पदर कौर भट्टी ने कहा कि मामला उनके ध्यान में आने पर दोनों से मीडिया के सामने पूछताछ करने पर जो सामने आया उसी के तहत पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज किया है। इसके अलावा वह कुछ नहीं जानते कि अजय को सदर नवांशहर में क्यों रखा गया, या नशीले पदार्थ का मामला उसके खिलाफ दर्ज किया जा रहा था। आप थाना राहों में दर्ज एफआईआर नंबर 55 को ही फाइनल मान कर चले।
सवाल जो सवाल खड़े करते हैं
1) नारकोटिक सेल द्वारा अगर माल बरामद किया गया तो तुरंत मामला दर्ज क्यों नहीं किया गया?
2) थाना राहों के अधिकार क्षेत्र से हिरासत में लिए युवकों में से एक को थाना सदर नवांशहर क्यों भेजा गया?
3) पुलिस के पास पांच सौ ग्राम नशीला पाउडर आया कहां से?
4) थाना सदर में दर्ज किया जा रहा मामला रोक कर थाना राहों में अजय कुमार के खिलाफ केस क्यों दर्ज किया गया?
5) पुलिस को अपनी तरफ से कोई भी नशीला पदार्थ डाल कर किसी के खिलाफ मामला दर्ज करने का अधिकार किस ने दिया?
6) पुलिस द्वारा बीते दिनों दर्ज किए नशीले पाउडर के दर्जन भर मामले कही उक्त मामले की तरह सोची समझी साजिश तो नहीं।
- क्या है पुलिस द्वारा दर्ज मामले की कहानी
सेखा मजारा पुलिस चौकी ने गश्त के दौरान दो युवकों को अढाई किलों हेरोइन सहित काबू कर थाना राहों में केस दर्ज किया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए एएसआई इकबाल ¨सह ने बताया कि गांव गढ़ी के नजदीक शक के अधार पर दो युवकों की तलाशी ली तो उनके पास से अढ़ाई ग्राम हेरोइन बरामद हुई। आरोपियों की पहचान राहों के मोहल्ला पहाड़ ¨सह निवासी प्रदीप कुमार दीपा व थाना सदर नवांशहर के गांव नाई मजारा निवासी अजय कुमार के रुप में हुई है।
- बीते दिनों में दर्ज मामलों की कार्रवाई भी शक के धेरे में
जिला पुलिस में गगन अजीत ¨सह एसपी मुख्यालय का तबादला एसपी जांच के तौर पर किए जाने के बाद से जिले में पुलिस रोजाना थोक में नशीले पाउड़र के मामले दर्ज कर रही है। बीते चार दिनों में ही पुलिस ने दो दर्जन करीब ऐसे मामले दर्ज कर दो दर्जन से ज्यादा लोगों को जेल भेज दिया है। पुलिस द्वारा अचानक नशा तस्करों खिलाफ की जा रही कार्रवाई पहले ही शक के धेरे में थी। लेकिन उक्त मामले के सामने आने बाद सभी मामले शकी लगने लगे है।
-जेल में ज्यादा समय रखने के चक्कर में दर्ज होता है नशीले पाउड़र का मामला
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार किए व्यक्ति को ज्यादा समय तक जेल में रखने के लिए नवशीले पाउड़र का मामला दर्ज किया जाता है। ताकि उक्त पाउड़र की जांच रिपोर्ट आने तक आरोपी की जमानत न हो सके। जिसके चलते पुलिस कुछ नशीली गोलियों को कथित तौर से पीसकर नशीला पाउड़र बना देती है।