संत की सलाह, मैं को छोड़कर देश के बारे में सोचो
संवाद सूत्र, बंगा मैं को छोड़कर अगर हम अच्छे नागरिक की तरह अपने राष्ट्र के निर्माण व देश के बारे
संवाद सूत्र, बंगा
मैं को छोड़कर अगर हम अच्छे नागरिक की तरह अपने राष्ट्र के निर्माण व देश के बारे में ¨चतित हों तो हमारा देश उन्नति की राह पर सबसे आगे होगा। यह तभी भी संभव है जब हम अपने बच्चों को, अपने राष्ट्र के प्रति वफादार व अच्छे संस्कार देंगे। यह तभी संभव होगा जब हम मैं के अहंकार को अपने दिल व दिमाग से निकाल कर बाहर फेंक देंगे। यह शब्द अरुण मुनि ने रविवार को बंगा के जैन स्थानक में एसएस जैन सभा के समूह जैन समाज के परिवारों व शहरवासियों को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि यह कभी नहीं सोचना चाहिए कि तुम्हें कोई नहीं देख रहा। परम पिता परमात्मा जिसने हमें यह जन्म दिया व पेट भरने के लिए अनाज दिया और पल-पल का लेखा नोट कर रहा है। इसलिए हमें हमेशा ही अपना यह जीवन प्रभु भक्ति के साथ-साथ अच्छे कार्य में लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मां गर्भ के समय जैसा खाती है, वैसा ही बच्चा खाता है, जैसा सुनती है, बोलती है, वैसा ही बच्चे का जीवन बनता जाता है।
उन्होंने कहा कि यह जीवन अनमोल है और इस जीवन को ऐसे खाकर नष्ट मत करो। इस अवसर पर 11 लोगों ने इस बात की शपथ ली कि वह एक साल तक एसएस जैन सभा में आकर 101 बार पाठ करेंगे व उसके बाद ही रोजमर्रा का काम शुरू करेंगे।