मनोबल मनुष्य की सबसे बड़ी ताकत : साध्वी
संवाद सूत्र, नवांशहर : दिव्या ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से रविवार को श्री गोमती नाथ मंदिर में सत्
संवाद सूत्र, नवांशहर : दिव्या ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से रविवार को श्री गोमती नाथ मंदिर में सत्संग सभा का आयोजन किया गया। सत्संग की शुरुआत प्रभु चरणों में भावों को अर्पित कर हुई। इसके बाद श्री आशुतोष महाराज की परम शिष्या राज¨वदर भारती ने कहा कि मानव में चार प्रकार के बल माने जाते हैं, ऐन्द्रिक बल, मनोबल, बौद्धिक बल व आत्मिक बल।
लोग अपनी जीवन गाड़ी को मनोबल के ईंधन से चलाते हैं। लेकिन जीवन की दौड़ में कुछ ऐसे भी पिछड़ जाते हैं, जब इस ईंधन में खराबी आ जाती है। जिसका मनोबल गिर रहा है, वह अपने को समझाए कि किस प्रकार आज बड़े कहलाने वाले लोगों ने उत्कर्ष के कार्मिक विकासकी सीढि़यों को पार किया है। संसार में कोई भी व्यक्ति योग्यताहीन जन्म नहीं लेता है। प्रत्येक व्यक्ति किसी खास योग्यता से इस भूमि पर आता है। अगर पहचान कर उस योग्यता का प्रयोग किया जाए तो मनुष्य ¨जदगी में कभी असफल नहीं हो सकता। यदि हम ह्रदय से अपनी क्षमताओं को महसूस करें तो नि:संदेह उत्थान का मार्ग प्रशस्त होता जरूर है।
उन्होंने कहा कि सूत्र वहीं है स्वंय को जानना। अपनी शक्ति को पहचानना व उसका वरण करके मनोबली हो जाना। और यह तभी संभव है जब मनुष्य सदगुरु से बह्मज्ञान प्राप्त कर निरंतर साधना करे। कार्यक्रम के अंत में सुमधुर भजन संकीर्तन हुआ और भक्तजनों ने इसका भरपूर आनंद लेकर अपनी ¨जदगी की डोर को प्रभु चरणों से जोड़ा।