बराड़ की बढ़ती दखलसे करीहा गुट नाराज
सनप्रीत ¨सह मांगट, नवांशहर विधानसभा क्षेत्र नवांशहर में शिअद की गुटबाजी चरम पर है। गुटबाजी के च
सनप्रीत ¨सह मांगट, नवांशहर
विधानसभा क्षेत्र नवांशहर में शिअद की गुटबाजी चरम पर है। गुटबाजी के चलते ही नगर कौंसिल चुनाव में पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा। नवांशहर के पूर्व विधायक स्व. ज¨तदर ¨सह करीहा की पत्नी बीबी स¨तदर कौर करीहा को पार्टी ने हलका इंचार्ज बनाया है, मगर जिले में शिअद की बागडोर कमजोर होती गई। इसी अवसर का लाभ उठाते हुए उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के ओएसडी चरनजीत ¨सह बराड़ ने यहां अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। बराड़ की सक्रियता ने बीबी करीहा को सर्तक कर दिया है, उन्हें क्षेत्र से अपनी उम्मीदवारों पर संकट नजर आने लगा है। लिहाजा वह खुलकर मैदान में आ गई हैं।
सूत्रों का मानना हो कि नवांशहर में नायब तहसीलदार रहे बराड़ अब यहां से विधायक बनना चाहते है। इसी कड़ी में बराड़ ने हर सोमवार को हलका नवांशहर के लोगों की समस्या सुनने के लिए जिला परिषद कार्यालय में विधिवत कार्यक्रम तय कर लिया है। आज वह दूसरी बार क्षेत्र के लोगों की शिकायतें सुनेंगे। बराड़ के कार्यक्रम को सफल बनाने में करीहा के विरोधी गुट बढ़ चढ़ कर योगदान कर रहे हैं।
बराड की क्षेत्र में बढ़ती दखलअंदाजी से बीबी करीहा समर्थक भी सर्तक हो गए है। वे अब इसके खिलाफ खुलकर मैदान में आ गए हैं। इसी कड़ी में बराड के तय समय के अनुसार ही करीहा समर्थकों ने गांव करीहा में अपने समर्थकों की बैठक बुलाकर क्षेत्र में नई चर्चा छेड़ दी है। सूत्रों की माने तो गांव करीहा में होने वाली बैठक में बराड़ को रोकने के लिए रणनीति तय की जाएगी। हालांकि कुछ नेता अपनी अहमियत दोनों तरफ बनाए रखने के लिए दोनों के कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं।
बराड़ के लिए शंकर दुग्गल, राहों नगर कौसिल के प्रधान हेमंत कुमार बाबी, शाम सुंदर जाड़ला, ट्रक युनियन के प्रधान सेठ जगजीत ¨सह लाली, पार्षद मक्खन ¨सह ग्रेवाल, हरप्रभ महिल ¨सह बरनाला समेत कई दर्जन नेता काम कर रहे हैं।
उधर, बीबी करीहा के साथ नगर परिषद चुनाव में चल रही खालसा ग्रुप भी दुविधा में है। फिलहाल बीबी करीहा के साथ कुल¨वदर ¨सगला, हरजीत ¨सह भट्टी, तारा ¨सह सेखुपुर, मोहन ¨सह माहल और कुछ गावों सरपंच हैं।
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करीहा परिवार की कमजोर हो रही पकड़ ¨चता का विषय
नवांशहर की सियासत में अपनी अलग पहचान रखने वाले करीहा परिवार पर वर्ष 2013 में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। तत्कालीन विधायक ज¨तदर ¨सह करीहा के बेटे कर्नल हीरा ¨सह की मौत हो गई और कुछ ही महीने बाद उनकी खुद की मौत हो गई, लेकिन सियासत में मजबूत पकड़ होने कारण लोगों की भावना का ध्यान रखते हुए पार्टी ने स्व. ज¨तदर ¨सह करीहा की पत्नी बीबी स¨तदर कौर करीहा को वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव दौरान टिकट दिया, मगर पार्टी में बगावत के चलते वह कुछ वोटों से हार गई। घर में कोई मर्द न होने व सियासत में नई होने कारण उन्होंने अपने दामाद जगतेश्वर ¨सह मजीठा को अपने साथ जोड़ लिया। बाद में जगतेश्वर ¨सह अपनी सांस सियासी जमीन तैयार करने की बजाय वह खुद लिए ही नवांशहर में सियासी जमीन तैयार करने लग गए। इसके चलते पहले ही दो गुटों में बंटी पार्टी को कई गुटों में बांट दिया गया। इससे लंबे समय तक कोआपरेटिव सोसायटी पर कब्जा रखने वाले करीहा परिवार से यह कब्जा छूट गया। मौजूदा स्थिति यह है कि बीबी करीहा के कार्यक्रम में कम संख्या में ही लोग आना पसंद कर रहे हैं।
इस संबंध में चरनजीत ¨सह बराड का कहना है कि उनके विस चुनाव लड़ने का फैसला पार्टी हाईकमान पर होगा। वह तो जिले की लोगों की समस्या को देखते हुए पार्टी को मजबूत करने के लिए हर सोमवार को संगत दर्शन कर रहे हैं।
शिअद के जिला प्रधान राम ¨सह दुधाला ने कहा कि पार्टी में पैदा हुई गुटबाजी नगर परिषद चुनाव के दौरान पार्टी हाईकमान के ध्यान में ला दी गई थी। इस पर फैसला पार्टी की होने वाली बैठकों में लेकर सभी को एकजुट कर साथ लेकर चला जाएगा।