बच्चा वार्ड की सुविधा का नहीं मिला रहा लाभ
जागरण संवाददाता, नवांशहर जिला शहीद भगत सिंह नगर के वासियों को हर सुविधा देने के लिए बनाए जिला स्तर
जागरण संवाददाता, नवांशहर
जिला शहीद भगत सिंह नगर के वासियों को हर सुविधा देने के लिए बनाए जिला स्तरीय सौ बिस्तर के अस्पताल में डाक्टर व स्टाफ की कमी से लोगों को लाभ सुविधा का नहीं मिल रहा। जबकि सरकार ने करोड़ों रुपये की मशीनरी उपलब्ध करवा रखी है। जिसका प्रयोग न होने कारण वह बेकार साबित हो रही है। सरकार की इस लापरवाही के चलते लोगों को इस सुविधा के लिए दूसरे शहरों में मंहगे दाम पर इलाज करवाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
गौर हो कि 18 करोड़ रुपये की लागत से बने जिला स्तरीय अस्पताल का उद्घाटन बीती नौ सिंतबर को मुख्य मंत्री प्रकाश सिंह बादल ने किया था। जिसके बाद 22 सितंबर से अस्पताल ने अपनी सेवाएं लोगों को देनी शुरू की। लेकिन करीब दो महीने बीत जाने पर अस्पताल में ऐसी काफी मशीनी पड़ी हुई है, जिसका प्रयोग ही नहीं हो सका। जिसके चलते जिला वासियों को सरकार द्वारा जिला स्तर पर ही हर तरह की सेहत सुविधा उपलब्ध करवाने के दावे की हवा निकल रही है। विभागीय सूत्रों के अनुसार बेबी सिक बार्ड को चलाने के लिए व अस्पताल में मरीजों को सही सेहत सुविधा देने के लिए बच्चों के चार डाक्टर, चार गायनी डाक्टर व 35 स्टाफ नर्सो के अलावा 40 कलास फोर स्टाफ की जरूर है। जबकि अस्पताल में बच्चों की बीमारियों का माहिर डॉक्टर सिर्फ एक ही है, वहीं दो गायनी डॉक्टर हैं। स्टाफ नर्सो की संख्या 22 है। जो पूरे अस्पताल को चलाने के लिए न काफी है। इस कारण नए जन्में बच्चों के लिए बेबी सिक बार्ड में भर्ती करने व पीलिया से बचाव के लिए ब्यू लाइट में रखने का काम शुरू नहीं हो सका। वहीं अस्पताल में स्कैन मशीन है, लेकिन स्कैन करने के लिए रेजियोलॉजिस्ट नहीं है। अस्पताल प्रशासन अपने स्तर पर प्राइवेट व्यक्ति का प्रबंध कर काम चला रहा है।
एक डॉक्टर के भरोसे जिले के बच्चे
जिला स्तरीय अस्पताल में मात्र एक ही बच्चों का माहिर डाक्टर है, जिसे ओपीडी के अलावा होने वाली डिलिवरी या सीजेरियन के समय भी ड्यूटी पर रहना पड़ता है। इसके अलावा उक्त डाक्टर को ट्रेनिंग कैंपों में भी शामिल होना पड़ता है। जबकि इस अस्पताल में बच्चों के स्पेशलिस्ट चार डाक्टरों की जरूरत है।
कमी दूर होने पर चलेगा बच्चा वार्ड : एसएमओ
इस संबंध में अस्पताल के एसएमओ डॉ. जसवीर सिंह ने कहा कि अस्पताल में डॉक्टरों व स्टाफ की कमी के चलते बेबी सिक बार्ड की शुरुआत नहीं हुई है। जिसके लिए उच्च अधिकारियों को बताया जा चुका है। स्टाफ की कमी दूर होने पर ही अस्पताल में आई हर मशीनरी का प्रयोग कर लोगों को सुविधा दी जाएगी। उन्हेंने कहा कि स्टाफ की कमी होने के बाद भी लोगों को अच्छी सेहत सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है।
उच्चाधिकारियों को लिखा गया है : सीएमओ
इस संबंध में सिविल सर्जन डा. धर्मपाल ने बताया कि अस्पताल में डाक्टरों सहित अन्य स्टाफ की कमी के बारे में उच्चाधिकारियों के लिखा गया है। सेहत विभाग ने नए डाक्टरों की भर्ती प्रक्रिया तो शुरू की है, जिससे इस समस्या का हल जल्द होने की उम्मीद है।
बीते तीन महीने हुई डिलिवरी
अगस्त में कुल 112, जिसमें से 30 अप्रेशन व 82 केस नार्मल
सितंबर में कुल 85 जिसमें से 22 अप्रेशन व 63 केस नार्मल
अक्तूबर में कुल 153 जिसमें से 44 अप्रेशन व 109 केस नार्मल
नवंबर में 24 नवंबर तक कुल 127 जिसमें से 41 अप्रेशन व 86 केस नार्मल