19 वर्ष के बाद मिला जिले को मिला वन अधिकारी
सनप्रीत सिंह मांगट, नवांशहर
नवांशहर को जिले बने तकरीबन 19 वर्ष बीत चुके हैं। इतने वर्षो से जिले में वन अधिकारी की नियुक्ति नहीं हो पाई थी। 19 वर्ष बाद बाद जिले को वन अधिकारी नसीब हुआ है। वन अधिकारी को ड्यूटी के लिए कोई उचित स्थान नहीं होने कारण उन्हें गढ़शंकर वन रेज के कार्यालय में ही बैठना पड़ रहा है। गौर हो कि नवंबर 1995 में जिला जालंधर की तहसील नवांशहर को जिले का दर्जा दे दिया गया था, जिसमें होशियारपुर जिले की तहसील बलाचौर को भी इसके साथ जोड़ा गया था। जिसके बाद से करीब आधा दर्जन विभाग आज भी ऐसे हैं जिनका हेडक्वाटर पहले की तरह जालंधर व होशियारपुर ही चला आ रहा था। इनमें से एक था वन विभाग।
अब वन विभाग ने तो जिले में अपना जिला स्तरीय हेडक्वाटर नवांशहर (शहीद भगत सिंह नगर) में जिला वन अधिकारी नियुक्त किया है, जिसमें वन विभाग की चार सब डिवीजन नवांशहर, बलाचौर, काठगढ़ व गढ़शंकर को जोड़ा गया है। जबकि पहले नवांशहर फिल्लोर व बाकी की तीन सब डिवीजने होशियारपुर से जुड़ी हुई थी।
अब नवांशहर में डीएफओ राजिंदर सिंह पन्नू ने अपना पद संभाल लिया है। हैरत की बात यह है कि नवांशहर में विभाग के दफ्तर के लिए कोई उचित स्थान न होने कारण फिल हाल नवांशहर के डीएफओ गढ़शंकर सब डिवीजन कार्यलय में बैठ कर काम चला रहे है। बीते करीब एक महीने से चारों सब डिवीजनों में तैनात स्टाफ की रोजाना की हाजिरी गढ़शंकर में लगनी शुरू हो गई है। वहीं विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नवांशहर में दफ्तर बनाने के लिए जगह देखा जा रहा है। उचित जगह मिलने के बाद ही गढ़शंकर से कार्यालय नवांशहर लाया जायगा, जहां डीएफओ बैठेंगे।