किसी भी वक्त कट सकते हैं दोआबा-मालवा
रोहित कुमार जैन, राहों
दोआबा-मालवा को जोड़ने व पठानकोट, होशियारपुर, नवांशहर से दिल्ली का शॉर्टकट मार्ग पर पड़ने वाले एकमात्र राहों-माछीवाड़ा सतलुज पुल जोकि किसी भी समय लोगों के लिए जी का जंजाल बन सकता है। रोजाना इस पुल से हजारों की संख्या में रेत से भरे 20 टायरों वाले ट्राले, ओवरलोडेड ट्रक, सरकारी व प्राइवेट लांग रूट की बसें, टेंपो, कारें व अनगिनत दोपहिया वाहन चालकों के लिए खतरा बन सकता है। गौर हो कि 2006 में तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राहों-माछीवाड़ा को जोड़ने वाले इस पुल का उद्घाटन किया था। उद्घाटन से पहले ही सेना की ओर से इस पुल को रिजेक्ट कर दिया था। अभी इस पुल को बने मात्र आठ वर्ष ही हुए हैं, लेकिन इस पुल की ठीक ढंग से देखभाल न होने के कारण इस पुल का राहों की ओर से आने वाली साइड का हिस्सा ध्वस्त हो गया है, जो किसी भी समय टूटकर गिर सकता है। इस संबंध में गांव काहलों निवासी अमरीक सिंह, राहों निवासी जोगा सिंह व मिंटू कुमार ने कहा कि अगर इस पुल की समय पर मरम्मत न की गई तो किसी भी समय कोई बड़ा हादसा हो सकता है। अमरजीत सिंह पाबला, अमनदीप व पंकज कुमार ने कहा कि करोड़ों रुपये की लागत से पुल को तैयार किया गया था, लेकिन मात्र आठ साल में ही टूटने भी लग गया है। पुल पर लाइटें न लगी होने के कारण रात के अंधेरे में किसी भी समय अप्रिय घटना घट सकती है। रविवार को दैनिक जागरण टीम ने देखा कि राहों से जाते समय सड़क और पुल को जोड़ने वाली जो पहली स्लैब है, उसके नीचे की मिट्टी व रेत निकल चुका है और पुल की राइट साइड जो कि थोड़ा नीचे की ओर झुक चुकी है। सड़क की मोटी परत के नीचे से भी मिट्टी व रेत निकल चुकी है। सिर्फ एक दो बारिश में ही पुल किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकता है।
एक-दो दिन में करवा देंगे ठीक: एसडीओ
उधर पीडब्ल्यूडी के एसडीओ बलविंदर सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हां पुल के एक हिस्से के नीचे स्लिप होने के बारे में उन्हें सूचना मिली थी। सूचना मिलने के बाद उन्होंने मौके का जायजा भी लिया था। तुरंत उन्होंने इसकी मरम्मत के आदेश दे दिए हैं। एक-दो दिन में पुलिस की मरम्मत का काम शुरू कर दिया जाएगा।