छह माह से अटका है म्यूजियम का निर्माण
अशोक सिंह भारत, नवांशहर
जिले के गांव खटकड़ कलां में शहीद भगत सिंह स्मारकस्थल में ही उनको समर्पित वर्ल्ड क्लास के बन रहे म्यूजियम का काम बीते छह महीने से बंद पड़ा है। संबंधित को इसके पीछे लोकल राजनीति और सरकारी साजिश नजर आ रही। कुछ ने कहा कि पंजाब सरकार ने इसका पैसा किसी और मद में खर्च कर डाला है। अब फंड रिव्यू कमेटी की आड़ में पर्दा डाल रही है। इस प्रोजेक्ट का निमार्ण कार्य कर रही मार्कफेड के तकनीकी विभाग के एसडीओ बोल रहे है उनको काम बंद होने के कारणों का पता नहीं है। जनता ने इस काम का जल्दी पूरा किए जाने की मांग की है।
सरकार ने किसी अन्य काम में खर्च कर लिया होगा
शायद पंजाब सरकार ने इसका पैसा किसी अन्य मद में खर्च कर दिया। इसी वजह से काम ठप्प हो गया है। अगर सरकार शहीदों के स्मारकों को तवज्जो नहीं दे रही है तो आम लोगों की क्या हालत होगी?
प्रो. जगमोहन सिंह, शहीद भगत सिंह के भांजे
----------------
लोकल पॉलिटिक्स का शिकार हो गया
छह साल हो गए, अभी तक काम पूरा नहीं कर हो सका। केंद्र सरकार ने इसका पूरा पैसा रिलीज किया हुआ है। अधिकारियों की वजह से काम रुका हुआ है, इसमें सरकार भी शामिल है। सरकार ने फंड रिव्यू कमेटी बनाई हुई है, जो वेरीफाई करेगी फिर अगला फंड जारी होगा, लेकिन मेरी नजर में यह सब खाने-पीने का जुगाड़ है।
अभय सिंह संधू, भगत सिंह के भतीजे
--------------
पता होने पर मामला विधानसभा सत्र में जरूर उठाता
काम छह महीने से बंद चल रहा है। इसकी मुझे जानकारी नहीं है और न ही किसी ने इस बारे में कोई बात की। अगर ऐसा पता होता तो मामला इस बार विधानसभा सत्र में जरूर उठाता। यह कांग्रेस की देन है। मुझे काम के रुकने को लेकर अचंभा है, क्योंकि सारा पैसा रिलीज किया चुका है।
त्रिलोचन सिंह सूंढ, विधायक बंगा
----------------------
सांसद को बताया, सीएम से करेंगे बात
स्मारक के बंद हुए कार्य का मुद्दा क्षेत्रीय सांसद प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा के सामने उठाया था। अब पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल के समक्ष उठाएंगे, ताकि शहीदों की स्मारक बनने का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
चौधरी मोहन सिंह, पूर्व विधायक, बंगा
-------------------
साल में दो ही दिन आती है याद
स्मारक का काम रुकने का मुख्य कारण पैसे की कमी है। पंजाब में किसी की भी सरकार रही हो, उसे 23 मार्च और 29 सिंतबर के दिन ही शहीदों की याद आती है। लीडर आते है और बड़े-बड़े बयान देकर चले जाते हैं। 2009 में म्यूजियम का नींवपत्थर रखने के लिए आए पी चिंदंबरम ने शहीद के गांव खटकड़ कलां को केंद्र द्वारा गोद में लेने की बात कही थी, जबकि हकीकत में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। शहीद के नाम का पहला स्मारक गांव के लोगों ने मिलकर बनवाया था।
कश्मीरा सिंह, पूर्व प्रधान शहीद भगत सिंह स्पोर्ट्स क्लब
---------------------
निदेशक सभ्याचारक मामले को दो बार लिख चुकी: डीसी
नवांशहर की डीसी अनिंदिता मित्रा बोली, यह मामला उनके संज्ञान में है। इस बारे में दो बार सभ्याचारक मामले के निदेशक को लिखा भी है, लेकिन वहां से कोई जानकारी नहीं मिली। कुछ ऐसा ही इस प्रोजेक्ट का निमार्ण कार्य कर रही कंपनी मार्कफेड के तकनीकी विभाग के एसडीओ राकेश जायसवाल बोले काम बंद होने के कारणों की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। इस बारे में निदेशक सभ्याचार विभाग से ही कुछ पता चल सकता है, यह कहते हुए उन्होंने पल्ला झाड़ लिया।
---------------
फैक्ट फाइल
शहीद भगत सिंह म्यूजियम का काम तीन फेस में काम होना है।
नींवपत्थर 23 फरवरी 2009 को तत्कालीन गृहमंत्री पी चिंदबरम ने रखा था।
पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व तत्कालीन पर्यटन मंत्री अंबिका सोनी भी मौजूद थी।
अंबिका सोनी ने 16 करोड़ की ग्रांट मंजूर करवाई थी।
नींवपत्थर के बाद तीन साल तक योजना की शुरुआत भूमिविवाद के कारण अटक गई थी।
फर्स्ट फेस में बिल्डिंग का स्ट्रक्चर पूरा हो गया है।
इसमें अब तक 6 करोड़ खर्च हो चुका है।
सेकेंड फेस में चाहरदीवारी व फ्लोरिंग, दरवाजे व खिड़कियों आदि का काम किया जाएगा।
इसकी प्रोजेक्ट फाइल तैयार हो गई है और निदेशक सभ्याचारक विभाग पंजाब एनपीएस रंधावा पास मंजूरी के लिए पड़ी हुई है।
थर्ड फेस में फांसी का तख्त, शहीदों की यादों से जुड़ी हुई साजो सामान तथा फोटो की डिजिटलाइजेशन और अन्य इंटीरियर के काम करवाए जाएंगे।