विनम्रता व सहनशीलता बड़प्पन की निशानी : शम्मी चावला
संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब विनम्रता, सहनशीलता, शुद्ध विचार व अच्छे संस्कार वाले मनुष्य महान
संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब
विनम्रता, सहनशीलता, शुद्ध विचार व अच्छे संस्कार वाले मनुष्य महान होते हैं। ऐसे गुणों के मालिक सभी लोगों का मन मोह लेते हैं, सभी को प्यारे लगते हैं। यह गुण किसी मनुष्य के बड़प्पन की निशानी होते हैं। हर मनुष्य को यह गुण अपने भीतर पैदा करने चाहिए। यह विचार गांधी नगर स्थित संत मंदिर (डेरा संत बाबा बग्गू भगत, सांझा दरबार) में आयोजित वीरवार सुबह की साप्ताहिक सत्संग समय श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए गद्दी नशीन भगत शम्मी चावला ने प्रकट किए।
उन्होंने कहा कि कभी भी किसी को अहंकार नहीं करना चाहिए। परमात्मा की रजा में रहना चाहिए। पता नहीं परमात्मा किस समय किसी को फर्श से अर्श पर पहुंचे दे और अर्श से फर्श पर गिरा दे। जैसे जिस वृक्ष को जितने अधिक फल लगते हैं तो वह उतना ही झुक जाता है। ऐसे ही जिन व्यक्तयों पर परमात्मा की कृपया हो, उन्हें भी शुकराने के तौर पर झुकना चाहिए और विनम्रता, शहनशीलता अपनानी चाहिए।
डेरा कमेटी के चीफ आर्गेनाइजर जगदीश राय ढोसीवाल ने बताया कि डेरे की चली आ रही मर्यादा अनुसार सत्संग की शुरुआत डेरा संस्थापक ब्रह्मलीन संत बाबा बग्गू भगत जी की पवित्र मूर्ति की चरण वंदना कर की गई। सत्संग दौरान गगनदीप चावला के अलावा डेरे के स्थानीय श्रद्धालुओं के अलावा बाहरी क्षेत्रों से भी संगत पहुंची हुई थी। भगत जी द्वारा सभी के भले की सांझी अरदास की गई। भगत जी ने कहा कि सभी धर्म समानता और भाईचारे की शिक्षा देते हैं और अपने अपने धर्म और गुरु पीर को मानने वाले की दुआ कभी व्यर्थ नहीं जाती। परमात्मा सभी का फल देता है।