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अरनीवाला माइनर बंद होने से किसानों में हाहाकार

सरबजीत ¨सह, श्री मुक्तसर साहिब सावन सूखा गुजर जाने के बाद अब अरनीवाला माइनर में हुई बंदी ने किसानो

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Aug 2017 04:39 PM (IST)Updated: Thu, 17 Aug 2017 04:39 PM (IST)
अरनीवाला माइनर बंद होने से किसानों में हाहाकार
अरनीवाला माइनर बंद होने से किसानों में हाहाकार

सरबजीत ¨सह, श्री मुक्तसर साहिब

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सावन सूखा गुजर जाने के बाद अब अरनीवाला माइनर में हुई बंदी ने किसानों के होश उड़ाकर रख दिए हैं। किसान कभी आसमान ताकते हैं तो कभी नहरी विभाग का मुंह। लेकिन उन्हें कहीं पर से भी कुछ मिलने का आस नहीं है जिस कारण वह महंगे दाम का डीजल जलाकर धान की ¨सचाई करने में जुटे हुए हैं। बेशक किसानों को बिजली की आठ घंटे निरंतर सप्लाई मिल रही है, लेकिन अधिकतर क्षेत्रों में जमीनी पानी ¨सचाई लायक न होने के कारण बिजली भी इस समस्या को दूर नहीं कर पा रही है।

150 गांवों को होता है पानी सप्लाई

अरनीवाला माइनर से करीब 150 गांवों को पानी की सप्लाई होती है। जिनमें झींडवाला, चिबड़ांवाली, बाम, उड़ांग, भागसर, लक्खेवाली, गंधड़, नंदगढ़, सम्मेवाला, पांका, मदरसा, बन्नांवाला, बुरजां समेत फाजिल्का जिले के गांव भी शामिल हैं। इसमें से दो सब माइनर भागसर व लक्खेवाली भी निकलते हैं जिसके अधीन भी अधिकतर गांव आते हैं। इन गांवों में पानी की सप्लाई न होने के कारण किसानों के धान की फसल सूखने लगी है।

नहरी पानी पर निर्भर

यह पूरा क्षेत्र ही नहरी पानी पर निर्भर है जिसमें धरती निचला पानी शोरे वाला है जिससे ¨सचाई नहीं हो सकती। बार-बार नहरी पानी की बंदी किसानों की सिरदर्दी बनी हुई है। नहरी पानी न मिलने के कारण जमीन भी शोरा निकालने लगी हैं जिस कारण किसानों ने नरमा की फसल लगानी छोड़ दी है। अब धान लगाना किसानों की मजबूरी बनी हुई है। क्षेत्र के किसानों जगदेव ¨सह, किरनपाल ¨सह, द¨वदरपाल ¨सह, जगमीत ¨सह, गगन मान, भाकियू नेता गुरांदित्ता ¨सह भागसर के अनुसार नहरी विभाग की ओर से एक एकड़ के लिए साढ़े चार मिनट पानी का समय दिया गया है। लेकिन हालत यह है कि एक घंटे में भी एक एकड़ में पानी नहीं लग पा रहा है। भागसर, बल्लमगढ़, मदरस्सा, कौडयिांवाली आदि गांवों जमीन पानी की किल्लत से प्रभावित हो रही है।

उत्पादन होगा प्रभावित

किसान नेताओं के अनुसार इस समय नरमा और धान दोनों ही फसलों को पानी आवश्यकता है। अगर कुछ दिन और बारिश नहीं हुई तो दोनों फसलों का झाड़ काफी कम हो जाएगा। अपनी फसलों को बचाने के लिए किसान खराब जमीनी पानी ही फसलों को लगाने को मजबूर हैं। उपर से नहरी विभाग ने बिना कोई संकेत दिए ही नहरी पानी की बंदी घोषित कर दी है।

इनसेट

विभाग की नीति अनुसार हुई बंदी : एसई

उधर नहरी विभाग के एसई एचएस चाहल ने कहा कि यह विभाग की नीति है कि बारी बारी से सभी नहर बंद की जाती है। एक सप्ताह से लेकर दस दिन तक उसे बंद रखा जाता है। इस माइनर की बंदी रविवार तक की है। उसके बाद इसमें पानी छोड़ दिया जाएगा।


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