आरएमपी को नशीली गोलियों समेत पकड़ा, छोड़ा
संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब मौड़ रोड पर तीन दिन पहले सिविल वर्दी में पहुंचे पांच पुलिस क
संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब
मौड़ रोड पर तीन दिन पहले सिविल वर्दी में पहुंचे पांच पुलिस कर्मचारियों ने एक आरएमपी को कथित तौर पर नशीली गोलियों समेत काबू किया लेकिन कुछ घंटे के बाद ही उसे छोड़ दिया गया और उसकी कोई भी रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की गई। थाना सिटी के क्षेत्र में थाना सदर पुलिस के कर्मचारियों ने अपनी निजी गाड़ी में छापामारी कर आरएमपी को हिरासत में लिया था।
उक्त आरएमपी के आसपास के दुकानदारों ने बताया कि करीब तीन दिन पहले एक काले रंग की गाड़ी पर पांच पुलिस कर्मचारी आए थे। जोकि खुद को थाना सदर के कर्मचारी बता रहे थे। यह पुलिस कर्मचारी इस डाक्टर को अपने साथ ले गए। करीब एक घंटे के बाद यह लोग फिर आए और उसकी दुकान से नशे के तौर पर इस्तेमाल होने वाली गोलियां बरामद करके ले गए। मोहल्ले के लोगों के अनुसार पुलिस ने उसे कुछ घंटे के बाद ही छोड़ दिया। उनके अनुसार उसकी दुकान पर पहले भी दो बार छापामारी हो चुकी है। लेकिन हर बार ऐसा ही होता है। यह क्षेत्र थाना सिटी का होने के बावजूद थाना सदर पुलिस कर्मचारियों की ओर से सिविल वर्दी में छापामारी की गई जोकि हैरान करने वाली बात है। मोहल्ले वालों ने बताया कि यह सभी पुलिस कर्मचारी नीले रंग की निजी गाड़ी पर आए थे।
इस संबंध में थाना सिटी प्रभारी नरेंदर ¨सह ने अज्ञानता जाहिर करते हुए कहा कि उनकी ओर से जितनी भी छापामारी की गई है वह ड्रग इंस्पेक्टर को साथ लेकर की गई है और वह उनके रोजनामचे में दर्ज है।
डीएसपी दीपक राय और एसपी (डी) बलजीत ¨सह ने भी इस मामले से अज्ञानता जाहिर करते हुए मामले की जांच करवाने की बात कही। सिविल सर्जन डॉ. एचएन ¨सह के अनुसार यदि किसी मेडिकल या डाक्टर की दुकान पर छापामारी की जाए तो उसके लिए ड्रग इंस्पेक्टर का होना अनिवार्य होता है। इसके लिए सर्च वारंट भी लेने होता है। ड्रग इंस्पेक्टर रमनदीप गुप्ता का कहना था कि उनकी ओर से बीते एक सप्ताह में मौड़ रोड पर किसी भी दुकान पर छापामारी नहीं की गई। गौरतलब है कि यदि यह मामला किसी के भी ध्यान में नहीं है तो फिर पुलिस कर्मचारियों ने अपने स्तर पर छापामारी क्यों की और व्यक्ति को काबू कर उसके नशे की गोलियां बरामद होने पर भी इसकी सूचना अधिकारियों को क्यों नहीं दी गई। एक नेता ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस व्यक्ति को एक कांग्रेसी नेता के कहने पर छोड़ा गया है।