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गंदे शहर का कलंक मिटाने के अभियान को धक्का

जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब देश के सबसे गंदे शहर का कलंक झेल रहे ऐतिहासिक शहर श्री मुक्तस

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Jul 2017 06:37 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jul 2017 06:37 PM (IST)
गंदे शहर का कलंक मिटाने के अभियान को धक्का
गंदे शहर का कलंक मिटाने के अभियान को धक्का

जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब

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देश के सबसे गंदे शहर का कलंक झेल रहे ऐतिहासिक शहर श्री मुक्तसर साहिब के लोगों को गंदगी से शीघ्र राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है। किसी भी शहर को गंदगी से राहत दिलाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका नगर कौंसिल की होती है। मुक्तसर नगर कौंसिल के कार्यसाधक अधिकारी रवि कुमार ¨जदल का तबादला हो गया है। हालांकि चर्चा तो यह भी है कि उन्होंने अपना तबादला करवाया है। वह मूल रूप में मानसा शहर के निवासी हैं और उन्होंने अपना तबादला मानसा में ही करवाया है। उनके जाने से मुक्तसर कौंसिल के सभी काम प्रभावित हो गए हैं।

केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से मई में घोषित किए गए स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 में श्री मुक्तसर साहिब को देश के सबसे दस गंदे शहरों में शामिल किया गया है। जबसे इसकी घोषणा हुई है जिला प्रशासन के अलावा नगर कौंसिल की खूब किरकिरी हो रही है। सर्वेक्षण आने के बाद बेशक प्रशासन और कौंसिल ने यह दाग शीघ्र धोने के लिए तमाम दावे किए, लेकिन करीब तीन महीने बीतने को हैं, अभी तक स्थिति ज्यों की त्यों है। नगर कौंसिल न केवल वित्तीय संकट से जूझ रही है, बल्कि सफाई कर्मचारियों की भारी कमी और कूड़ा डंप करने के लिए जगह के संकट से भी जूझ रही है। वित्तीय संकट के चलते जहां शहर में कूड़ा डंप करने के लिए अभी तक कंटेनर तक नहीं खरीद पाए गए, वहीं शहर का कूड़ा फेंकने को मुख्य डंप के लिए जगह भी नहीं मिल पाई है। सफाई कर्मचारियों की कमी का संकट अलग से है। 300 कर्मचारियों के स्थान पर महज 100 सफाई कर्मचारी काम कर रहे हैं। नगर कौंसिल की लचर व्यवस्था को लेकर बीते दिनों सिख विरसा काउंसिल के सदस्य कौंसिल के कार्यालय में कूड़ा तक फेंक चुके हैं। बताया जाता है कि इन तमाम बातों को लेकर कौंसिल के कार्यसाधक अधिकारी पर भारी दबाव बना हुआ था। डीसी सहित अन्य अधिकारी भी उन्हें फटकार लगा चुके थे। लेकिन अब ईओ के जाने से गंदगी को हटाने के लिए चल रहे तमाम प्रयास भी एकदम से रुक गए हैं। देखना होगा कि अब यहां पर कौन और कब कार्यसाधक अधिकारी आते हैं और रुक गए प्रयास फिर से नए सिरे से शुरु होते हैं। रवि कुमार ¨जदल के यहां से जाने के बाद ही करीब डेढ़ माह से खाली पड़ा मानसा में ईओ का पद भर पाया है।


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