काश्तकार ने बेची शेडूयल कास्ट कोऑपरेटिव सोसायटी की जगह
जासं, श्री मुक्तसर साहिब दी फिरोजपुर शेडूयल कास्ट कोऑपरेटिव लिमिटेड फिरोजपुर के स्वामित्व के अधीन
जासं, श्री मुक्तसर साहिब
दी फिरोजपुर शेडूयल कास्ट कोऑपरेटिव लिमिटेड फिरोजपुर के स्वामित्व के अधीन गांव मडाहर कलां के रेलवे क्रॉसिंग के पास स्थित 52 कनाल 18 जमीन को लेकर पिछले करीब दो साल से चल रहे विवाद के मामले में आखिरकार बीते सोमवार को थाना बरीवाला पुलिस ने जमीन के काश्तकार राजिंदरपाल सिंह पुत्र करतार सिंह निवासी जलालाबाद (फाजिल्का) के खिलाफ धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोपी अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
डीसी और आयोग को की थी शिकायत
विजिलेंस एंड मॉनीटरिंग कमेटी के सदस्य अशोक महिंदरा की ओर से करीब दो साल पहले तत्कालीन डीसी परमजीत सिंह तथा अनुसूचित जाति जनजाति आयोग को की गई शिकायत के अनुसार करीब 42 वर्ष पहले पूर्व मुख्यमंत्री हरचरण सिंह बराड़ के परिवार की ओर से अपने गांव सरायनागा के साथ ही सटे हुए गांव मडाहर कलां स्थित अपनी जमीन में से 464 कनाल 18 मरला जमीन दी फिरोजपुर शेडूयल कास्ट कोऑपरेटिव सोसायटी फिरोजपुर को बेची थी। इस उपरांत सोसायटी के दलित समुदाय के सदस्य इस जमीन की काश्त करने लगे, लेकिन इस सोसायटी में एक ऐसा दंपती राज रानी तथा उसका पति करतार सिंह निवासी बरीवाला भी सदस्य बन गए, जोकि वास्तव में अनुसूचित जाति से संबंधित ही नहीं था। बाद में दोनों की मृत्यु हो गई तो उनके पुत्र राजिंदरपाल सिंह ने माल विभाग के अधिकारियों से कथित मिलीभगत करके 52 कनाल 18 मरला जमीन खरीद कर लिया। लेकिन इस उपरांत राजिंदरपाल सिंह ने इस जमीन को आगे लोगों को बेचना शुरू कर दिया, जबकि सोसायटी के एक्ट के अनुसार यह जमीन न तो खरीदी और न ही आगे बेची जा सकती है।
पुलिस ने जांच उपरांत किया केस दर्ज
अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग के आदेश और डीसी के निर्देश पर विभिन्न अधिकारियों द्वारा इस मामले की पड़ताल की गई तो शिकायतकर्ता के आरोप सही पाए गए। इस उपरांत एसएसपी कुलदीप सिंह चहल के आदेश पर बीते सोमवार को राजिंदरपाल सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया गया।