सोशल मीडिया पर एक दूसरे से आगे निकलने की होड़
विनय शौरी, मोगा पंजाब विधानसभा चुनाव 2017 की घोषणा भले 4 जनवरी को हुई, लेकिन इसको लेकर
विनय शौरी, मोगा
पंजाब विधानसभा चुनाव 2017 की घोषणा भले 4 जनवरी को हुई, लेकिन इसको लेकर चुनावी जंग दिसंबर महीने के शुरू से ही छिड़ चुकी थी। सोशल मीडिया के जरिए प्रत्येक राजनीतिक पार्टी एक दूसरे से अधिक लोकप्रिय होने की होड़ में शामिल हो चुकी है। प्रत्येक पार्टी का प्रत्याशी अपने चुनाव प्रचार के दौरान अपने कार्यक्रमों पर मिलने वाले लाइक का हवाला भी दे कर वोटरों को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं। विरोधी पार्टियों द्वारा किए गए पथराव, फाड़े गए पोस्टर और जानबूझकर खास इलाकों में फैलाई गंदगी के लिए भी वे अपने विरोधी को जिम्मेदार बताते हुए उनके सोशल मीडिया पर मिलने वाले कमेंट को चुनावी संबोधन में खास स्थान दे रहे हैं।
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बड़े वाट्सएप ग्रुप की बढ़ी कदर
जिस किसी प्रत्याशी के समर्थक के पास कोई बड़ा वाट्सएप या फेसबुक ग्रुप का उसकी अपनी टीम में खास पहचान है। वाट्सएप पर कोई भी अच्छी सूचना पर संबंधित समर्थक की तारीफ भरी सभाओं में प्रत्याशियों द्वारा किया जाना साफ संकेत है कि हरेक पार्टी का प्रत्याशी सोशल मीडिया पर अपना प्रचार करने में किसी से पीछा नहीं रहना चाहता। जिले के सभी चार विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस, अकाली दल और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों ने सोशल मीडिया के जरिए चुनाव प्रचार करने के लिए टीमों का गठन कर रखा है। प्रत्याशी ने अपनी फोटो के जरिए अनेकों ग्रुप सोशल मीडिया में बना रखे हैं।
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भारी पड़ रही तकनीक
राजनीति में शुरू से कूटनीति व्यवहारिकता और प्रोफेशनलिज्म हावी रहता था, लेकिन आज तकनीक हावी हो गई है। अस्सी के दशक तक राजनेताओं की एक छवि एवं लोकप्रियता होती थी, जो कि उनके संघर्ष एवं जनता के लिए किए गए कार्यों के आधार पर बनती थी, किन्तु आज पेशेवर लोगों द्वारा सोशल मीडिया का सहारा लेकर नेताओं की छवियों को तैयार किया जाता है। साफ्टवेयर इंजीनियर राहुल शर्मा का कहना है कि उनके पास इस समय नेताओं के अच्छे पोस्टर तैयार करने और उनके चेहरे के भाव को बेहद लोकप्रिय बनाने की मांग पूरे जोरों पर है।