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13.. जीवन का आनंद लेना ही आर्ट ऑफ लि¨वग : शैलेश

संवाद सहयोगी, मोगा : दिन-प्रतिदन के तनाव और ¨खचाव के बीच खुश रहकर जीवन का आनंद लेना ही अ

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Jun 2017 03:01 AM (IST)Updated: Thu, 22 Jun 2017 03:01 AM (IST)
13..  जीवन का आनंद लेना ही आर्ट ऑफ लि¨वग : शैलेश
13.. जीवन का आनंद लेना ही आर्ट ऑफ लि¨वग : शैलेश

संवाद सहयोगी, मोगा : दिन-प्रतिदन के तनाव और ¨खचाव के बीच खुश रहकर जीवन का आनंद लेना ही आर्ट ऑफ लि¨वग है। यह विचार शहीदी पार्क हाल में आर्ट ऑफ लि¨वग की मोगा शाखा द्वारा श्रीश्री योग-2 कोर्स में शिक्षक शैलेश जी ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा की यह एक तकनीक है, जिसके माध्यम से तनाव और ¨चताओं को दूर कर जीवन में खुशी और आनंद लाने की कला सीखी जाती हैं। इस अवधारणा की लोकप्रियता का पता इस बात से ही लगाया जा सकता है कि अब इसे कॉरपोरेट लेवल पर भी अपनाया जा रहा है। विभिन्न कंपनियां अपने कर्मचारियों को तनाव के माहौल से बाहर उबारने के लिए इस कला का उपयोग कर रही है। शैलेश ने कहा अधिकतर बीमारियों का आगमन हमारे शरीर में फास्ट फूड के खानपान से होता है। उन्होंने बताया कि यह कोर्स एक सप्ताह तक जारी रहेगा, ताकि साधकों को उसके अनुसार व्यायाम करवाया सके। मोगा शाखा के राकेश बांसल, विपन झांब, गोपाल खुराना, प्रवीन ¨सगल, राजेश गुप्ता, ईशा बांसल आदि के अलावा साधक उपस्थित थे।


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