22.25. जिले में 35 प्रतिशत लोग खा रहे मिलावटी खाद्य पदार्थ
फोटो-22 सेहत विभाग द्वारा चार माह में भरे 144 सैंपलो में से 45 की रिपोर्ट आई फेल -जिले में
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सेहत विभाग द्वारा चार माह में भरे 144 सैंपलो में से 45 की रिपोर्ट आई फेल
-जिले में मिलावटखोर सक्रिय, फूड विभाग चल रहा कछुए की चाल
रोहित शर्मा, मोगा : जिले भर के 35 प्रतिशत लोग मिलावटी खाद्य पदार्थ खा रहे हैं। इस बात का खुलासा सेहत विभाग के आंकड़ों से हुआ है। सेहत विभाग के आंकड़ों के मुताबिक फूड इंस्पेक्टरों द्वारा जनवरी से लेकर अप्रैल माह तक विभिन्न स्थानों से खाद्य पदार्थो के कुल 144 सैंपल भरे गए थे। इनमें से 45 खाद्य पदार्थो की सैंपल रिपोर्ट चंडीगढ़ से फेल आई है। इस रिपोर्ट के हवाले से साफ हो गया है कि जिले भर में हर तीसरे खाद्य पदार्थ में मिलावट हो रही है। दिलचस्प यह है कि जिन खाद्य पदार्थो की सैंपल रिपोर्ट फेल आई है, उन्हें हम रोजाना की तर्ज पर अपने खाने में प्रयोग करते हैं। इसमें दूध, दूध से बनी हरेक वस्तु, सरसों का तेल और बेसन आदि शामिल है। सेहत विभाग द्वारा कयास लगाए जाते हैं कि त्योहारी सीजन में मिलावट का स्तर डिमांड बढ़ने के साथ दो से चार गुणा तक बढ़ जाता है, लेकिन जिले में त्योहारी सीजन से पहले या बाद भी मिलावट खोरी का खेल उसी रफ्तार से चल रहा है। दूसरी और बीते चार माह में सेहत विभाग ने महज 144 खाद्य पदार्थो के सैंपल भरकर साफ कर दिया है कि मिलावटी खोरी के चल रहे इस गोरख धंधे के मुकाबले सेहत विभाग कछुए की चाल चल रहा है।
चार माह में भरे महज 144 सैंपल
फूड विभाग के अधिकारियों द्वारा जनवरी से लेकर अप्रैल माह तक विभिन्न स्थानों से खाद्य पदार्थों के 144 सैंपल भरे गए हैं। इनमें से 44 खाद्य पदार्थो की सैंपल रिपोर्ट फेल आ चुकी है। यानी जांच में फेल साबित हुए कुल सैंप¨लग का करीब 35 फीसदी है। जबकि इस वर्ष के दौरान जिले भर से सेहत विभाग ने किसी भी मिलावटी चीज की कोई बड़ी खेप भी नहीं पकड़ी है।
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गंभीर बीमारियों को न्यौता देती है मिलावट : डॉ. सीमांत
मिलावटी खाद्य पदार्थ खाने से सेहत पर चाहे एक दम से कोई फर्क न पड़े, लेकिन खाद्य पदार्थो में मिलावट लंबे समय के बाद भी अपना असर दिखाती है। मिलावटी खाद्य पदार्थो में कुछ इस तरह के आयल या फिर तलव होते हैं जो सीधे तौर पर किडनी और हार्ट पर इफेक्ट करते हैं। ऐसे में इंसान जहां हाईप्रटेंसिव, ब्लड प्रेशर तथा अन्य बीमारियों की चपेट में आ जाता है, वहीं इंसान की किसी भी समय किडनी डेमैज या फिर हार्ट फेल होने का भी खतरा बना रहता है।
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सैंपल फेल आने पर होगी कानूनी कारवाई : खौसला
फूड इंस्पेक्टर अभिनव खौसला ने कहा कि जिन खाद्य पदार्थो के सैंपल फेल आए हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ऐसे केसों की रिपोर्ट बनाकर उन्हें अदालत में लगाया जाएगा, ताकि कोर्ट जुर्माना या फिर सजा दे सके। रही बात मिलावटीखोरी पर शिकंजा कसने की तो रूटीन में सैंप¨लग व जांच जारी है। इसके अलावा जल्द ही एक योजना के तहत मिलावट खोरों पर नकेल कसी जाएगी।