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अफसरों की चाकरी करने वाले निगम कर्मियों की होगी वापसी

विनय शौरी, मोगा पंजाब सरकार ने निगमों के दर्जा चार कर्मचारियों की अधिकारियों के घरों से वापसी सुन

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Mar 2017 01:01 AM (IST)Updated: Sun, 26 Mar 2017 01:01 AM (IST)
अफसरों की चाकरी करने वाले निगम कर्मियों की होगी वापसी
अफसरों की चाकरी करने वाले निगम कर्मियों की होगी वापसी

विनय शौरी, मोगा

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पंजाब सरकार ने निगमों के दर्जा चार कर्मचारियों की अधिकारियों के घरों से वापसी सुनिश्चित करने को नया फरमान जारी कर दिया है। इस आदेश में मंत्री नवजोत ¨सह सिद्धू ने राज्य के सभी दस निगमों के कमिश्नरों से सूची मांगी है कि उनके पक्के या कांट्रेक्ट दर्जा चार कर्मचारी इस समय कहां-कहां काम कर रहे हैं। जाहिर है यदि ये सूची पूरी ईमानदारी से तैयार की गई तो इसमें कई अधिकारियों के लिए आफत खड़ी हो जाएगी। भले किसी भी निगम का अधिकारी सच्चाई को सामने नहीं आने देगा, लेकिन इन आदेशों से उन निगम कर्मचारियों की वापसी यकीनी हो जाएगी, जो इस समय किसी न किसी अधिकारी के घरों में ड्यूटी निभाकर निगम के खजाने से वेतन पा रहे हैं।

राज्य भर के अधिकतर सरकारी अधिकारियों को अपने दफ्तरों के साथ-साथ घरों में वीआइपी कल्चर बनाकर रखना बेहद पसंद है। घर में नौकरों की संख्या से अधिकारी अपना प्रभाव अन्य लोगों व अपने साथियों पर डालने का प्रयास करते हैं। इस समय सभी निगमों एवं नगर कौसिलों के अधीन काम करने वाले दर्जा चार कर्मचारियों को गुपचुप तरीके से अधिकारियों ने अपने घरों में निजी सुविधा के लिए रखा हुआ है। यही नहीं कांट्रेक्ट पर सफाई कर्मचारियों की सुविधा निगमों या नगर कौंसिलों को देने वाले ठेकेदार अपने बिल समय से हासिल करने के लिए संबंधित अधिकारियों को मुफ्त के नौकरों की सुविधा देकर उनका वेतन निगम से हासिल कर रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार राज्य भर में स्थानीय निकाय के अधीन काम करने वाले करीब एक हजार से अधिक दर्जा चार कर्मचारी निगमों के लिए काम न कर अधिकारियों की चाकरी कर रहे हैं।

21 मार्च को जारी हो चुके हैं आदेश : सिद्दू

स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत ¨सह सिद्धू ने कहा कि 21 मार्च को सभी निगमों से कर्मचारियों की सूची मांगकर उनके कामकाज की रिपोर्ट तलब की है। मंत्री ने हैरानी जताई कि निगमों के अधिकारियों को खुद पता नहीं है कि उनके कर्मचारी कहां काम कर रहे हैं। निगमों के कई कर्मचारी इस समय बिना काम किए वेतन पा रहे हैं। अनेक कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय नहीं की गई है, जिस कारण निगमों द्वारा किए जाने वाले काम पर खर्च अधिक और रिजल्ट कमजोर रहता है। निगमों या नगर कौंसिल का कोई भी कर्मचारी निगमों या नगर कौंसिल के अलावा किसी अन्य स्थान पर काम नहीं करेगा। यदि भविष्य में कोई ऐसा मामला उनके ध्यान में आया तो संबंधित अधिकारी के साथ क्या व्यवहार होगा उसके बारे में ज्यादा विस्तार से बताना शायद जरूरी नहीं है।

अफसर हुए सक्रिय, अब इकट्ठा कर रहे रिकार्ड

स्थानीय निकाय की ओर से जारी हुए उक्त आदेशों के बाद सभी निगम कमिश्नरों ने कर्मचारियों की सूचियां तैयार करनी शुरू कर दी हैं। जो निगम कर्मचारी नेताओं या अफसरों के घर पर चाकरी कर रहे हैं, उन्हें तुरंत निगमों में वापस बुलाने का काम गुप्त रूप से शुरू कर दिया गया है। इन आदेशों के बाद से कई पार्षदों को भी मुफ्त के नौकर छोड़ने पड़ रहे हैं। मोगा नगर निगम सहित कई अन्य नगर निगमों के अधिकारियों से इस संबंध में बात की गई, लेकिन किसी ने भी निगम कर्मचारियों के किसी अधिकारी या मंत्री के घर पर काम किए जाने की बात को स्वीकार नहीं किया।


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