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सुविधा से वंचित दंपती ने अस्पताल में की नारेबाजी

संवाद सहयोगी, मोगा : पंजाब सरकार द्वारा लोगों को मुफ्त सेहत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए भगत पूर्ण

By Edited By: Published: Wed, 07 Dec 2016 04:59 PM (IST)Updated: Wed, 07 Dec 2016 04:59 PM (IST)
सुविधा से वंचित दंपती ने अस्पताल में की नारेबाजी

संवाद सहयोगी, मोगा : पंजाब सरकार द्वारा लोगों को मुफ्त सेहत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए भगत पूर्ण ¨सह बीमा योजना के कार्ड लोगों को जारी किए गए हैं। सरकार की ये योजना लोगों की उम्मीद पर खरी नहीं उतर रही है। इसी साल नवंबर महीने के दौरान सरकारी तंत्र द्वारा बनाए गए सेहत बीमा के कार्ड सरकारी अस्पताल या डिस्पेंसरियों में स्वीकार नहीं किए जा रहे।

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बुधवार को एक ऐसा ही मामला सिविल अस्पताल में सामने आया जब गांव धूड़कोट के निवासी राम ¨सह अपनी पत्नी अमनदीप कौर के गठिया का उपचार करवाने के लिए सिविल अस्पताल मोगा लाया था। अस्पताल ने कुछ जरूरी टेस्ट आदि करवाने के बाद अमनदीप कौर को मेडिकल वार्ड में भर्ती तो कर लिया, लेकिन दो दिन से अस्पताल प्रशासन उससे अस्पताल द्वारा निर्धारित फीस को जमा करवाने को कह रहा था। उसने बुधवार सुबह कैश काउंटर पर पंजाब सरकार द्वारा जारी अपनी पत्नी का भगत पूर्ण ¨सह बीमा योजना कार्ड दिखाया तो अस्पताल कर्मी ने इसे स्वीकार करने से इंकार कर फीस अदा करने को कह दिया। गरीबी और पत्नी की बीमारी से परेशान राम ¨सह ने गुस्से में अस्पताल परिसर में पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।

एसएमओ डॉ. अर¨वदरपाल ¨सह ने राम ¨सह को समझाया कि उसके कार्ड को उनका कंप्यूटर सॉफ्टवेयर स्वीकार नहीं कर रहा है और यदि उसे दवाओं की जरूरत है तो वह अस्पताल के रिलीफ फंड से उपलब्ध कर सकते हैं।

मोगा सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. अर¨वदरपाल ¨सह गिल ने माना कि किसी तकनीकी कारण से भगत पूर्ण ¨सह बीमा योजना के इसी साल नवंबर महीने में बने कार्ड सॉफ्टवेयर स्वीकार नहीं कर रहा है। इससे कार्डधारक को मुफ्त सेहत सुविधाएं या दवाएं उपलब्ध नहीं कर सकते। सरकारी सिस्टम की अपनी कमजोरी के कारण मुफ्त में सेहत सुविधाएं हासिल करने वाले अनेकों लोग बीमा कार्ड उठाकर यहां-वहां के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले बीमा कार्ड धारक अपनी बीमारी का उपचार करवाने के लिए साफ्टवेयर के ठीक होने का इंतजार करने को मजबूर हैं, क्योंकि उनके पास महंगी दवा और महंगा उपचार करवाने को पैसा नहीं है।


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