हाईकोर्ट ने किया डीसी को तलब
जेएनएन, मोगा आरटीआइ कार्यकर्ता सुरेश सूद की याचिका पर हाइकोर्ट द्वारा डीसी को दस दिन में कानूनी का
जेएनएन, मोगा
आरटीआइ कार्यकर्ता सुरेश सूद की याचिका पर हाइकोर्ट द्वारा डीसी को दस दिन में कानूनी कार्रवाई करने की मियाद पूरी होने भी कार्रवाई न करने पर हाइकोर्ट ने सोमवार को नोटिस आफ मोश्न जारी करके डीसी को 20 सितंबर को हाईकोर्ट पेश हो पक्ष रखने को कहा है। गौर हो कि आरटीआइ कार्यकर्ता द्वारा नगर निगम को कटघरे में खड़ा करने के बाद निगम कर्मचारियों ने सुरेश सूद के घर व दुकान के बाहर कूड़ा का ढेर लगाने के बाद पीड़ित की याचिका पर हाइकोर्ट ने डीसी मोगा को फैसले की कॉपी मिलने के दस दिन में कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
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निगम को खिलाफ खोला था मोर्चा
गौर रहे कि सूद ने मोगा में सफाई कर्मियों द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाले वाहनों व उसको चलाने वालों के प्रति आरटीआइ के तहत जानकारी ली, जिसमें सामने आया कि प्रयोग में लाए जा रहे वाहन कंडम होने समेत वाहन चालकों के पास लाइसेंस नहीं है। सूद ने इसकी शिकायत 15 जुलाई 2016 को मुख्यमंत्री समेत उच्चधिकारियों को कर दी। जिससे आहत निगम के सफाई कर्मियों ने हड़ताल शुरू कर दी। कर्मियों का कहना था कि सुरेश सूद ने उनकी झूठी शिकायत की है। जिसको लेकर उन्होंने निगम कमिश्नर के जरिए एसएसपी को शिकायत भिजवा सुरेश सूद खिलाफ कार्रवाई की मांग की। दूसरी ओर निगम कर्मियों ने 20 जुलाई को सूद की दुकान के आगे कूड़ा फेंकने पर उन्होंने भी एसएसपी समेत उच्चाधिकारियों को शिकायत की। 21 जुलाई को सूद के घर के आगे भी कूड़ा फेंके जाने पर सूद ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर निगम कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। सूद ने उस समय डीएसपी सिटी के कार्यालय द्वारा 23 जुलाई को उसे 25 जुलाई को पेश होने के लिए कहे जाने पर झूठे मामले में फंसाए जाने की आशंका जाहिर की थी।
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मेयर के आश्वासन के बाद खत्म हुई थी हड़ताल
उस समय मेयर अक्षित जैन ने सुरेश सूद पर कार्रवाई का आश्वासन दे निगम कर्मियों की हड़ताल समाप्त करवाई थी। जानकारी के अनुसार इस दौरान एसएसपी ने मामले की जांच कर रहे डीएसपी को सुरेश सूद के खिलाफ झूठी शिकायत देने के आरोप में मामला दर्ज करने की सिफारिश तक कर दी थी। लेकिन इससे पहले ही हाईकोर्ट द्वारा याचिका का निपटारा करते एसएसपी मोगा को बनती कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे। सूद के वकील समर्थ सागर द्वारा दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने डीसी मोगा को दस दिन में बनती कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।